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News Property Rule: बदल गए जमीन रजिस्ट्री के ये 4 नियम, अब नकदी की झंझट खत्म, जानें पूरी प्रक्रिया 

 
 

Haryana Kranti, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भूमि और संपत्ति की रजिस्ट्री को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए 2025 से एक नई प्रणाली शुरू की है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना, समय की बचत करना और जनता को डिजिटल सुविधाओं का लाभ देना है। यह प्रक्रिया 1 जनवरी से पूरे भारत में लागू कर दी गई है। आइये इन नए नियमों को विस्तार से समझें और जानें कि इससे आम जनता को क्या लाभ होगा।

डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया: अब कागजी कार्रवाई खत्म

भूमि रजिस्ट्री 2025 के तहत सबसे बड़ा बदलाव डिजिटल प्रक्रिया है। संपत्ति पंजीकरण के लिए अब लंबी कागजी कार्रवाई और रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

इस नये नियम के तहत:

सभी रजिस्ट्री दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में प्रस्तुत किये जायेंगे।

रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा।

प्रक्रिया पूरी होने पर आपको तुरंत डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।

इससे न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि भ्रष्टाचार और मानवीय त्रुटियों की संभावना भी कम होगी।

आधार कार्ड लिंकिंग से पारदर्शिता

दूसरा बड़ा बदलाव आधार कार्ड को रजिस्ट्री प्रक्रिया से जोड़ना है। अब प्रत्येक संपत्ति खरीदार या विक्रेता को अपनी पहचान सत्यापित करानी होगी।

आधार लिंकिंग के लाभ:

संपत्ति क्रेता और विक्रेता का बायोमेट्रिक सत्यापन होगा।

फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्ति के मामलों में कमी आएगी।

संपत्ति के रिकॉर्ड को आधार नंबर से जोड़ने से ट्रैकिंग आसान हो जाएगी।

यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।

वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य: धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

नये नियमों के अनुसार रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है।

इस नियम के अंतर्गत:

पंजीकरण के समय पूरी प्रक्रिया रिकॉर्ड की जाएगी।

क्रेता और विक्रेता का बयान वीडियो पर रिकॉर्ड किया जाएगा।

यह वीडियो सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखा जाएगा।

भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में इसका उपयोग साक्ष्य के रूप में किया जा सकेगा।

वीडियो रिकॉर्डिंग से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि पंजीकरण स्वैच्छिक है और यह किसी दबाव का मामला नहीं है।

ऑनलाइन शुल्क भुगतान: नकदी की परेशानी से छुटकारा

रजिस्ट्री शुल्क और स्टाम्प शुल्क का भुगतान अब पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा।

ऑनलाइन भुगतान के लाभ:

डिजिटल भुगतान गेटवे से भुगतान की पुष्टि तुरंत प्राप्त हो जाएगी।

क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई और नेट बैंकिंग जैसे विकल्प उपलब्ध होंगे।

नकद लेन-देन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

रिश्वतखोरी और काले धन के इस्तेमाल को रोका जा सकता है।

इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और लेन-देन सरल होगा।

भूमि रजिस्ट्री 2025: आम जनता के लिए लाभ

नये नियमों से भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे।

रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार:

समय की बचत: पूरी प्रक्रिया में कुछ घंटे लगेंगे।

कागजी कार्रवाई का अभाव: डिजिटल दस्तावेजों का उपयोग किया जाएगा।

24x7 सुविधा: अब किसी भी समय पंजीकरण कराया जा सकता है।

मानवीय त्रुटियों में कमी: डिजिटल प्रणालियों से सटीकता बढ़ेगी।

बढ़ी हुई सुरक्षा:

धोखाधड़ी में कमी: आधार लिंकिंग और बायोमेट्रिक सत्यापन से फर्जी रजिस्ट्री के मामलों पर अंकुश लगेगा।

गुमनाम संपत्तियों पर अंकुश: प्रत्येक संपत्ति के मालिक का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

डेटा सुरक्षा: सभी जानकारी सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहेगी।

पारदर्शिता और उपभोक्ता सुविधा:

संपत्ति रिकॉर्ड अब ऑनलाइन देखे जा सकते हैं।

शुल्क और प्रक्रिया की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध है।

घर बैठे डिजिटल रजिस्ट्रेशन और भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी।

रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।

नये नियमों का व्यापक प्रभाव

इन सुधारों से संपत्ति पंजीकरण धोखाधड़ी, समय की बर्बादी और अनावश्यक खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा, डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाने से भारत में पारदर्शिता और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।