Noida Airport: हो गई डील फाइनल! अब नोएडा एयरपोर्ट पर बनेंगे तीन इंडियन ऑयल के फ्यूल स्टेशन
Haryana Kranti, नई दिल्ली: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) पर यात्रियों और परिचालन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) तीन फ्यूल स्टेशन स्थापित करेगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. (YIAPL) और IOCL के बीच 30 वर्षों का समझौता हुआ है, जिसके तहत ये स्टेशन एयरपोर्ट परिसर में विभिन्न स्थानों पर बनाए जाएंगे।
फ्यूल स्टेशनों के स्थान:
पश्चिमी संपर्क मार्ग के पास: यह स्टेशन मुख्य रूप से यात्रियों के वाहनों की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
एयरसाइड क्षेत्र में: यह स्टेशन एयरपोर्ट संचालन से जुड़े वाहनों और उपकरणों के लिए ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
पूर्वी कार्गो परिसर के पास: यह स्टेशन कार्गो टर्मिनल से जुड़े वाहनों की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, "इंडियन ऑयल के साथ यह सहयोग NIA की परिचालन तत्परता की यात्रा में मील का पत्थर है। हम उत्तरी भारत के प्रवेश द्वार के रूप में एयरपोर्ट को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं।"
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के नोएडा डिवीजनल ऑफिस के डिवीजनल रिटेल सेल्स हेड सुमीत मुंशी ने कहा, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ हमारी यह साझेदारी नवाचार, स्थिरता और ग्राहक सुविधा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
एयरपोर्ट संचालन की तैयारी:
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन वित्तीय वर्ष 2025-26 के शुरुआती महीनों में होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न ढांचागत विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। फ्यूल स्टेशनों की स्थापना से एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों और वाहनों को सुगम ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
ग्रेटर नोएडा में हरित विकास:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर की हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। इस परियोजना के प्रथम चरण में 24 से अधिक सेक्टरों और प्रमुख सड़कों के किनारे 30 करोड़ रुपये की लागत से हरित क्षेत्र और सेंट्रल वर्ज को विकसित करने के लिए निविदा जारी की गई है।
प्रमुख कार्य:
पार्कों और ग्रीन बेल्ट का विकास: पौधरोपण, पेड़-पौधों का रखरखाव और सिविल मरम्मत कार्य किए जाएंगे।
डी-पार्क और जापानी पार्क का निर्माण: सेक्टर 62 में डी-पार्क और सेक्टर 94 में जापानी पार्क के विकास के लिए निविदाएं जारी की जाएंगी।
वेस्ट टू वंडर पार्क: अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करके 500 टन कचरे को रिसाइकिल कर थीम-आधारित ग्रीन जोन विकसित किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि इस परियोजना के तहत पार्कों और ग्रीन बेल्ट में पौधरोपण, पेड़-पौधों का रखरखाव और सिविल मरम्मत कार्य किए जाएंगे। नियमित रखरखाव की कमी के कारण इन क्षेत्रों की हालत खस्ताहाल हो गई थी। फुटपाथ टूटे हुए हैं, बाउंड्रीवॉल क्षतिग्रस्त हैं और हरियाली लगभग गायब हो चुकी है। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्राधिकरण ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
प्रथम चरण में विकास होने वाले क्षेत्र:
ओमीक्रॉन-2, डेल्टा-2, म्यू-2, नॉलेज पार्क-2, म्यू-1, गामा-1, गामा-2, चाई-5, पाई-1 और पाई-2 आदि सेक्टरों की सूरत बदली जाएगी।
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सामने, प्रस्तावित नाइट सफारी की ग्रीन बेल्ट और सावित्रीबाई फुले बालिका इंटर कॉलेज सड़क के बीच भी हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
अन्य क्षेत्रों में ज्यू-1 और 2, ओमीक्रॉन-1, ओमीक्रॉन-1ए, सिग्मा-1, 2, 3, 4, ईकोटेक-10, नॉलेज पार्क-3, चाई-4, ईकोटेक-11, पी-3 और सेक्टर-3 में भी विकास कार्य होंगे।
नए पार्कों की विशेषताएं:
डी-पार्क: जल निकाय और तितली गुंबद विकसित किए जाएंगे।
जापानी पार्क: दो जल निकाय, छह झोपड़ियाँ, जॉगिंग ट्रैक, आगंतुक केंद्र और पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
वेस्ट टू वंडर पार्क: जंगल ट्रेल की योजना बनाई गई है, जहां विभिन्न प्रकार के जानवरों की मूर्तियां प्रदर्शित की जाएंगी