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NCR वालों की बल्ले बल्ले कर देगा यह एक्सप्रेसवे! इन 3 शहरों की बदल जाएगी किस्मत, NHAI के हाथों में पहुंची निर्माण की बागडोर 

उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद (FNG) को जोड़ने वाली FNG एक्सप्रेसवे परियोजना (FNG Expressway Update) पर काम तेज़ी से चल रहा है। यह एक्सप्रेसवे (New Expressway) इन तीन शहरों के बीच यातायात को आसान और तेज़ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने जा रहा है।
 

FNG Expressway: उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद (FNG) को जोड़ने वाली FNG एक्सप्रेसवे परियोजना (FNG Expressway Update) पर काम तेज़ी से चल रहा है। यह एक्सप्रेसवे (New Expressway) इन तीन शहरों के बीच यातायात को आसान और तेज़ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इन शहरों के बीच ट्रैफिक की भीड़ को कम करना और यात्रा के समय को घटाना है।

FNG एक्सप्रेसवे  
FNG एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद, नोएडा से गाजियाबाद और फरीदाबाद का सफर अधिक सुगम होगा। इस एक्सप्रेसवे के द्वारा लोग दिल्ली के रास्ते बिना जाए सीधे फरीदाबाद और गुरुग्राम भी जा सकेंगे। यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और फरीदाबाद के लिए लाइफलाइन से कम नहीं होगी।

एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य
इस परियोजना का कार्य कई चरणों में किया जा रहा है। वर्तमान में नोएडा के 17 किलोमीटर हिस्से का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहीं, गाजियाबाद और फरीदाबाद के हिस्से पर काम जारी है। नोएडा के सेक्टर-168 में यमुना नदी पर एक नया ब्रिज बनेगा। यह पुल नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। एक्सप्रेसवे को हिंडन नदी के किनारे से गुजारते हुए, सेक्टर-112 से सेक्टर-140 तक करीब 6.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनेगा। यह क्षेत्र रिवर फ्रंट एरिया को बचाने के लिए बनाया जा रहा है फरीदाबाद से जुड़ने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक रोटरी और अंडरपास बनाए जाएंगे। 

यमुना पर बनने वाले पुल का खर्च
यमुना पर बनने वाले पुल का खर्च लगभग 200 से 250 करोड़ रुपये का अनुमान है, जिसमें 50 प्रतिशत खर्च नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार मिलकर उठाएंगे। यह एक्सप्रेसवे न केवल नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के बीच यात्रा को तेज़ और सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि यह दिल्ली जाने के रास्ते को भी सरल बना देगा। FNG एक्सप्रेसवे से यात्री गाजियाबाद से फरीदाबाद महज़ 15 से 20 मिनट में पहुंच सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी।

एनएचएआई और राज्य सरकार के बीच बैठकें
इस एक्सप्रेसवे को लेकर एनएचएआई और राज्य सरकार के बीच कई बैठकें हुई हैं, और जल्द ही इसके निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है, और मार्च 2025 तक इसका निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, यह न केवल इन तीन शहरों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक तगड़ा मार्ग साबित होगा।