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हरियाणा में किसानों की हुई मौज, किसान कल्याण मंत्री ने कर दिया ये बड़ा ऐलान, जानें 

 
 

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्याम सिंह राणा, ने 5 जनवरी 2025 को केंद्रीय प्री-बजट बैठक में गन्ने की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। 

किसानों के लिए अनुदानित मशीनरी की सुविधा

राणा ने सुझाव दिया कि गन्ने की बुवाई और कटाई के लिए आधुनिक मशीनें किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएं। इससे किसानों की मेहनत कम होगी, समय और लागत की बचत होगी, और वे धान जैसी फसलों की जगह गन्ने की खेती की ओर आकर्षित होंगे। 

जल संरक्षण में गन्ने की भूमिका

गन्ने की खेती कम पानी में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलती है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है, गन्ने की खेती एक लाभदायक विकल्प साबित हो सकती है। 

बागवानी को बढ़ावा देने के प्रयास

राणा ने बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए 40 से 50 हेक्टेयर के छोटे क्लस्टर बनाने और बागों की फेंसिंग हेतु अनुदान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इससे बागवानी किसानों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। 

प्राकृतिक खेती के लिए मंडियों की स्थापना

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राणा ने सुझाव दिया कि ऐसी फसलों के लिए विशेष मंडियों की स्थापना की जाए, जहां फसल परीक्षण की लैब भी हों, ताकि उनकी प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके। 

फसल अवशेष जलाने पर नियंत्रण

राणा ने फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया और इस पर नियंत्रण के लिए राज्य को अधिक धनराशि प्रदान करने का अनुरोध किया, ताकि खेतों में आग लगने की घटनाओं को समाप्त किया जा सके। 

भावांतर भरपाई योजना का विस्तार

हरियाणा में 'भावांतर भरपाई योजना' के सफल परिणामों को देखते हुए राणा ने ऐसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने और इसके लिए आवश्यक बजट प्रावधान करने का सुझाव दिया, जिससे बागवानी फसलों के किसानों को उचित मूल्य मिल सके। 

कृषि क्षेत्र में हरियाणा की अग्रणी भूमिका

हरियाणा राज्य हरित क्रांति में अग्रणी रहा है और अब प्राकृतिक खेती में भी अग्रणी बनने की दिशा में प्रयासरत है। राणा ने प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार करने में मील का पत्थर साबित होगा। 

केंद्रीय कृषि संस्थानों से सहयोग की अपेक्षा

राणा ने केंद्रीय कृषि संस्थानों से अनुरोध किया कि वे प्राकृतिक खेती के विनिर्देशन और मानकीकरण पर काम करें, ताकि कृषि उपज की गुणवत्ता या खेती की प्रक्रिया के आधार पर प्रमाणन सुनिश्चित किया जा सके। 

किसानों के लिए खुशखबरी: गन्ने की खेती पर हरियाणा सरकार के नए फैसले

हरियाणा सरकार ने गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को गन्ना बोने और काटने की आधुनिक मशीनें अनुदान पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इससे किसानों की मेहनत कम होगी, समय की बचत होगी और उनकी आय में वृद्धि होगी। 

गन्ने की खेती से जल संरक्षण में मदद: हरियाणा सरकार का नया दृष्टिकोण

गन्ने की खेती कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलती है। हरियाणा सरकार ने गन्ने की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को अनुदानित मशीनें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। 

बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार के नए प्रयास

हरियाणा सरकार बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए 40 से 50 हेक्टेयर के छोटे क्लस्टर बनाने और बागों की फेंसिंग हेतु अनुदान देने की योजना बना रही है, जिससे बागवानी किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। 

प्राकृतिक खेती के लिए विशेष मंडियों की स्थापना: हरियाणा सरकार का नया कदम

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार विशेष मंडियों की स्थापना करने जा रही है, जहां फसल परीक्षण की लैब भी होंगी, ताकि प्राकृतिक खेती की फसलों की प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके। 

फसल अवशेष जलाने पर नियंत्रण के लिए हरियाणा सरकार के नए प्रयास

फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य को अधिक धनराशि प्रदान करने का अनुरोध किया है, ताकि खेतों में आग लगने की घटनाओं को समाप्त किया जा सके। 

भावांतर भरपाई योजना का राष्ट्रीय विस्तार: हरियाणा सरकार का सुझाव

हरियाणा सरकार ने 'भावांतर भरपाई योजना' के सफल परिणामों को देखते हुए ऐसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने और इसके लिए आवश्यक बजट प्रावधान करने का सुझाव दिया है, जिससे बागवानी फसलों के किसानों को उचित मूल्य मिल सके।