हरियाणा में नए जिलों की हो गई घोषणा, ये होंगे नए जिले, जानें
Haryana New Districts: हरियाणा सरकार जल्द ही प्रदेश में नए (Haryana New Districts) जिलों की घोषणा करने जा रही है। यह कदम प्रशासनिक कार्यों को सुचारु बनाने और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए उठाया जा रहा है। इस फैसले से हरियाणा के विकास में नया मोड़ आएगा और क्षेत्रीय प्रशासन को ज्यादा प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
नए जिलों का प्रस्ताव
हरियाणा सरकार द्वारा गठित सब कमेटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने हाल ही में यह संकेत दिया कि नए जिलों के गठन और उपमंडलों को बनाने पर निर्णय लिया जाएगा। सरकार को गोहाना, असंध और हांसी को नए जिले बनाने के प्रस्ताव मिले हैं। पंवार ने बताया कि इस विषय पर पहली बैठक हो चुकी है और दूसरी बैठक जल्द ही आयोजित होगी। बैठक के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
नए जिले
गोहाना, असंध, हांसी लिस्ट में शीर्ष नाम हैं। इसके अलावा, पंवार ने यह भी स्पष्ट किया कि डबवाली को जिला बनाने का कोई आधिकारिक प्रस्ताव अभी तक नहीं आया है, भले ही इस संबंध में विधायक आदित्य चौटाला का फोन आया था।
नए जिलों के लाभ
नए जिलों और उपमंडलों के गठन से प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी। प्रशासनिक ढांचा बेहतर होने से न केवल सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, बल्कि जनता को भी विभिन्न सेवाओं का लाभ जल्द और अधिक प्रभावी तरीके से मिलेगा। छोटे जिलों का गठन प्रशासन को अधिक प्रभावी और त्वरित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा। क्षेत्रीय नागरिकों को सरकारी सेवाओं का बेहतर और त्वरित लाभ मिलेगा। नए जिलों के गठन से विकास कार्यों में तेज़ी आ सकती है।
कांग्रेस के आरोपों पर पंवार की प्रतिक्रिया
पंवार ने कांग्रेस पार्टी द्वारा की जा रही EVM शिकायतों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उनके 37 विधायक जिन क्षेत्रों से चुने गए हैं, क्या वहां EVM में कोई गड़बड़ी थी। उन्होंने कांग्रेस की आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए अपनी सरकार के कई विकास कार्यों की सराहना की।
बसों की स्पीड लिमिट
हरियाणा सरकार द्वारा रोडवेज विभाग में बसों की स्पीड लिमिट को 80 किमी प्रति घंटा करने के फैसले पर भी पंवार ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है। हालाँकि, प्रदेश में सड़कों और एयरपोर्ट रनवे को उन्नत करने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं, जिससे तेज़ गति से वाहन चलाने की क्षमता बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बसों की स्पीड सीमित की गई है।