हरियाणा में वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर! पुराने वाहनों के लिए हरियाणा सरकार ने जारी की वाहन स्क्रैपेज नीति 2024, जानें डीटेल में...
Haryana Kranti, लखनऊ: हरियाणा की नायब सैनी सरकार (Naib Saini government) ने राज्य में पुराने वाहनों के निपटान और पुनः उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई वाहन स्क्रैपेज और रि-साइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति 2024 (Vehicle Scrappage and Recycling Facility Promotion Policy 2024) को लागू किया है। इस नीति का उद्देश्य न केवल पुराने वाहनों का सही तरीके से निपटान करना है, बल्कि इसके माध्यम से पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में सुधार लाना भी है। आइए, जानते हैं इस नीति की मुख्य विशेषताएं और लाभ।
वाहन स्क्रैपेज नीति के प्रमुख लाभ : Key benefits of Vehicle Scrappage Policy
पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप करने से प्रदूषण में कमी आएगी। पुराने वाहनों के पुर्जों को दोबारा उपयोग में लाने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। रि-साइक्लिंग इकाइयों के माध्यम से राज्य में नए रोजगार के अवसर सृजित होंगेसार्वजनिक स्थानों से कंडम वाहनों की पार्किंग समाप्त होगी, जिससे सड़कों पर अव्यवस्था में सुधार होगा।
वित्तीय लाभ व सब्सिडी : Financial benefits and subsidy
उद्योग और वाणिज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उद्यम पूंजी कोष स्थापित करके स्टार्ट-अप, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
जिसमें भूमि को छोड़कर पूरी परियोजना लागत का 10% प्रतिपूर्ति, औद्योगिक श्रेणी डी ब्लॉक के लिए 100% स्टांप शुल्क और श्रेणी बी और सी ब्लॉक के लिए 75% स्टांप शुल्क शामिल है। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर परियोजना लागत राशि का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, राज्य में युवाओं को कौशल और रोजगार प्रदान करने वाले 10 ऐसे उद्योगों को 50 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
नीति का उद्देश्य : Objective of the policy
हरियाणा सरकार (Haryana Sarkar) ने इस नीति को उद्योग का दर्जा देने का फैसला किया है, जिससे राज्य में स्क्रैपेज और रि-साइक्लिंग उद्योग का तेजी से विकास हो सके। यह नीति राज्य के युवाओं के लिए कौशल और रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी, जिससे बेरोजगारी में कमी आएगी और उद्योगों में महिलाओं और अनुसूचित जातियों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।