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UP वासियों के लिए खुला सौगातों का पिटारा, 268 करोड़ की लागत से 4 जिलों की 15 सड़कों का होगा कायाकल्प

 
 
268 करोड़ की लागत से 4 जिलों की 15 सड़कों का होगा कायाकल्प

Haryana Kranti, नई दिल्ली: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में यातायात को सुगम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण कार्यों की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने वाराणसी मंडल के चार जिलों में 15 सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है। इस परियोजना के लिए 268 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है, जिससे 124.36 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण होगा। यह काम कुंभ 2025 से पहले पूरा करने का लक्ष्य है।

यातायात सुगम होगा, कनेक्टिविटी मजबूत

योजनाबद्ध सड़कों के निर्माण से वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली जिलों में यातायात का दबाव कम होगा। स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी यात्रा आसान हो जाएगी। खासकर वाराणसी, जो पहले ही धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र है, बेहतर कनेक्टिविटी से और भी अधिक आकर्षक बनेगी।

जौनपुर में बनेगी सबसे ज्यादा सड़कें

पीडब्ल्यूडी के अनुसार, जौनपुर जिले में सबसे अधिक पांच सड़कों का निर्माण होगा। चंदौली में चार, गाजीपुर में तीन और वाराणसी में तीन सड़कों का निर्माण व चौड़ीकरण किया जाएगा। इन जिलों में यातायात को लेकर अक्सर शिकायतें आती रही हैं। नई सड़कों से लोगों को राहत मिलेगी।

कहां-कहां होगी सड़क परियोजना

चकिया विधानसभा क्षेत्र: भमौरा नाका से मुसाखोड़ होते हुए शहाबगंज बॉर्डर तक 12.30 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी।

मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र: पड़ाव-साहूपुरी करवत के रास्ते मन्नापुर-डहिया-रामनगर लंका मैदान तक 11.50 किमी लंबी सड़क बनेगी।

सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र: कमालपुर एवती बगही महुजी मार्ग पर 6.35 किमी लंबी सड़क का निर्माण 9 करोड़ रुपये की लागत से होगा।

मुगलसराय रेलवे क्रॉसिंग से पंचवटी रामनगर मार्ग: 7.50 किमी लंबे इस मार्ग का चौड़ीकरण भी परियोजना का हिस्सा है।

सर्वे और डीपीआर तैयार

पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ने बताया कि सभी सड़कों का सर्वे पूरा कर लिया गया है और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) भी तैयार हो चुकी है। इनमें से 13 सड़कों के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जा चुके हैं। परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने की योजना है ताकि श्रद्धालुओं और आम लोगों को समय पर इसका लाभ मिल सके।

कुंभ 2025 के लिए तैयारी तेज

इस परियोजना का एक बड़ा उद्देश्य प्रयागराज में अगले साल होने वाले कुंभ मेले से पहले उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। कुंभ के दौरान वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली जैसे शहरों से भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज जाएंगे। इस दौरान सुगम और तेज यातायात सुनिश्चित करने के लिए इन सड़कों का निर्माण जरूरी है।

स्थानीय लोगों को होगा बड़ा लाभ

सड़कों के निर्माण से ग्रामीण इलाकों में भी आवागमन में सुधार होगा। किसान अपनी उपज आसानी से बाजारों तक पहुंचा सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। साथ ही, इन क्षेत्रों में व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

योजनाओं से रोजगार के अवसर

परियोजना के तहत सड़कों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर श्रमिकों और इंजीनियरों की जरूरत होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। स्थानीय ठेकेदारों को भी इस परियोजना से काम मिलने की उम्मीद है।