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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 200 इलेक्ट्रिक बसें लगाएंगी दौड़, इन 24 जिलों की होगी एयरपोर्ट से होगी शानदार कनेक्टिविटी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) का निर्माण एक महत्वपूर्ण परियोजना है जो उत्तर भारत में हवाई यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से बदलने वाला है।
 
Jewar Airport:

Jewar Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) का निर्माण एक महत्वपूर्ण परियोजना है जो उत्तर भारत में हवाई यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से बदलने वाला है। इस एयरपोर्ट के निर्माण के साथ-साथ, यमुना प्राधिकरण ने यात्रियों को एयरपोर्ट तक सुगम और सुविधाजनक पहुंच प्रदान करने के लिए 200 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है। ये बसें दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 24 जिलों को एयरपोर्ट से जोड़ेगी।

 ये जिले शामिल 

इन इलेक्ट्रिक बसों द्वारा जुड़ी जाने वाली प्रमुख 24 जिलों में गुड़गांव, फरीदाबाद, झज्जर, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, करनाल, पलवल, मेवात (नूह), भिवानी, महेंद्रगढ़ , मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस, भरतपुर शामिल हैं।  ये सभी जिले हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए प्रमुख कनेक्शन प्वाइंट होंगे, और इन जिलों से ई-बसों के माध्यम से यात्रियों को एयरपोर्ट तक आसानी से पहुँचने का अवसर मिलेगा।

ई-बसों की सुविधाएं

इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पूरे दिन और रात किया जाएगा, जिससे यात्रियों को किसी भी समय एयरपोर्ट तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी। ये बसें सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी। ई-बसों का संचालन समय की पाबंदी के साथ किया जाएगा, जिससे यात्रियों को कोई भी असुविधा नहीं होगी।

कार्यान्वयन प्रक्रिया और बैठक

इस योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए, 23 दिसंबर 2024 को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें विभिन्न अधिकारियों और कंपनियों के प्रतिनिधि प्रस्तावों की समीक्षा करेंगे और अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

एयरपोर्ट का उद्घाटन  

अप्रैल 2025 तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कमर्शियल फ्लाइट्स की शुरुआत हो जाएगी। इसके पहले, 9 दिसंबर 2024 को ट्रायल लैंडिंग सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है, और अब एयरपोर्ट को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है। जब तक एयरपोर्ट के लिए प्रमुख रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी तैयार नहीं हो जाती, तब तक ये इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों के लिए मुख्य परिवहन का साधन बनेंगी।