Movie prime

यूपी-हरियाणा के बीच यातायात में होगी बड़ी क्रांति, गोरखपुर से पानीपत तक बनेगा नया एक्सप्रेसवे, 8 घंटे में पूरा हो जाएगा पूरा सफर

Gorakhpur-Panipat Expressway: गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे की लंबाई 750 किलोमीटर होगी जो इसे उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाएगा। अभी तक राज्य का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई 550 किलोमीटर है और इसे जनवरी 2025 में होने वाले महाकुंभ से पहले पूरा करने की योजना है।
 
Gorakhpur-Panipat Expressway

Gorakhpur-Panipat Expressway: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के परियोजना निदेशक ललित कुमार पाल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाले नए एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश के अन्य लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत यह एक्सप्रेसवे सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे तक विस्तारित किया जाएगा जिससे पानीपत से पश्चिम बंगाल तक सीधी और निर्बाध सड़क यात्रा संभव हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट

गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे की लंबाई 750 किलोमीटर होगी जो इसे उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाएगा। अभी तक राज्य का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई 550 किलोमीटर है और इसे जनवरी 2025 में होने वाले महाकुंभ से पहले पूरा करने की योजना है। इस नए एक्सप्रेसवे की लंबाई गंगा एक्सप्रेसवे से लगभग 200 किलोमीटर अधिक होगी जिससे यह उत्तर प्रदेश के सड़क नेटवर्क को और मजबूत करेगा।

एक्सप्रेसवे के विस्तार से जुड़ी नई योजनाएं

शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे को केवल गोरखपुर से शामली तक बनाने की योजना थी। इसके लिए डीपीआर (Detailed Project Report) भी तैयार की जा चुकी थी। लेकिन अब इसकी लंबाई बढ़ाकर इसे पानीपत तक विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। NHAI द्वारा फिलहाल इस नए रूट का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जैसे ही सर्वे पूरा होगा निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी

यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर हरियाणा के पानीपत तक जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी स्थापित होगी। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगी जिनमें श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच और शामली जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं।

क्षेत्रीय व्यापार और यातायात को मिलेगा बढ़ावा

इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से आपस में जुड़ जाएंगे। इसके साथ ही नेपाल सीमा से सटे जिलों को भी इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे व्यापार और यातायात की सुविधा में काफी सुधार आएगा। एक बार इस एक्सप्रेसवे के तैयार हो जाने के बाद गोरखपुर से हरिद्वार की यात्रा केवल 8 घंटे में पूरी की जा सकेगी, जिससे यात्रियों का कीमती समय बचेगा।

औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा

गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पानीपत तक जाएगा, जो देश के वस्त्र और कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इसके माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश

भारत में वर्तमान में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में ही बनाए जा रहे हैं। इससे पहले यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और अब गंगा एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा चुका है। गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे के पूरा होने से उत्तर प्रदेश का सड़क नेटवर्क और भी सुदृढ़ होगा जिससे राज्य के आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी।

एक्सप्रेसवे के रूट पर चल रहा है सर्वेक्षण

फिलहाल NHAI द्वारा इस एक्सप्रेसवे के रूट का सर्वे किया जा रहा है ताकि इस परियोजना को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। सर्वेक्षण के बाद निर्माण कार्य की सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी और इसे जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसके शुरू होने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के बीच यातायात की निर्बाध सुविधा मिलेगी।

गोरखपुर से पानीपत एक्सप्रेसवे की विशेषताएं

  • लंबाई: 750 किलोमीटर
  • संयुक्त राज्य: उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा
  • प्रमुख जिले: श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, शामली
  • समय की बचत: गोरखपुर से हरिद्वार यात्रा 8 घंटे में पूरी होगी
  • कनेक्टिविटी: पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ते हुए नेपाल सीमा से जुड़े जिलों को भी जोड़ेगा

इस परियोजना से उत्तर प्रदेश को क्या लाभ होंगे?

गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यातायात की सुविधा में सुधार आएगा जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक गतिविधियों में तेजी से भाग लेने में मदद मिलेगी।