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Basic Salary: प्राइवेट कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, बेसिक सैलरी में होगी 6000 रुपये की बढ़ोतरी, जानें अपडेट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय बेसिक सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रहा है. श्रम मंत्रालय ने वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. अगर वेतन सीमा बढ़ाई गई तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा.

 
Basic Salary

अगर आप भी प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हैं यानी प्राइवेट कर्मचारी हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन जल्द ही निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया गया है.

औपचारिक चर्चा के बाद ही इस बढ़े हुए वेतन ढांचे की घोषणा की जाएगी। मूल वेतन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है. हालांकि इस प्रस्ताव को अभी अंतिम रूप में मंजूरी मिलना बाकी है लेकिन इससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को उनके वेतन में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

ईपीएफओ- फैसला जल्द होने की उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय बेसिक सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रहा है. श्रम मंत्रालय ने वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. अगर वेतन सीमा बढ़ाई गई तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा.

ईपीएस के लिए वेतन सीमा में संशोधन की संभावना

जानकारी के मुताबिक, 1 सितंबर 2014 से यानी करीब एक दशक से ईपीएस के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये है. अब मंत्रालय इस सीमा को बदलने पर विचार कर रहा है. हालाँकि इस बदलाव की घोषणा कब की जाएगी, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं है, लेकिन जल्द ही निर्णय होने की उम्मीद है।

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में बढ़ोतरी.

प्रस्ताव के मुताबिक वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दी जाएगी. इस फैसले से निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की पेंशन और ईपीएफ योगदान बढ़ जाएगा।

सरकार की मंजूरी के बाद बढ़ी पेंशन राशि

अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो कर्मचारियों की पेंशन राशि बढ़ जाएगी, जिससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद अधिक वित्तीय स्थिरता मिलेगी। वेतन सीमा बढ़ने से अधिक कर्मचारी इस योजना में भाग लेंगे।

EPFO के फैसले से बढ़ेगी वित्तीय सुरक्षा

यह निर्णय निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी सेवानिवृत्ति की योजना अधिक सुरक्षित रूप से बनाने में सक्षम बनाएगा। साथ ही बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन राशि कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता के लिए सहायक होगी।