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Basic Salary Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग पर ताजा अपडेट, सरकार का चौंकाने वाला जवाब

पंकज चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 28 फरवरी 2014 को सातवां वेतन आयोग गठित किया था जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। लेकिन फिलहाल आठवें वेतन आयोग पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।
 
Basic Salary Hike

8th pay commission Update: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर आई है। वित्त राज्य मंत्री (Minister of State for Finance) पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के गठन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यह बयान 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है। सांसद जय प्रकाश, आनंद भदौरिया और वी. वैथिलिंगम ने संसद में सवाल उठाए थे कि सातवें वेतन आयोग के गठन के 10 साल बाद भी 8वें वेतन आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया।

8वें वेतन आयोग की मांग पर सरकार का रुख

पंकज चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 28 फरवरी 2014 को सातवां वेतन आयोग गठित किया था जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। लेकिन फिलहाल आठवें वेतन आयोग पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि सरकार ने मूल्यवृद्धि और जीवनयापन की लागत को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA Hike) और अन्य लाभ दिए हैं।

क्यों नहीं बनाया 8वां वेतन आयोग?

सांसदों ने सरकार से स्पष्ट सवाल किए। क्या केंद्र सरकार को कर्मचारियों और पेंशनरों की आर्थिक स्थितियों की चिंता है? क्या सरकार जानती है कि मूल्यवृद्धि और जीवनयापन की बढ़ती लागत के चलते कर्मचारी दबाव में हैं? लोकसभा में चर्चा के दौरान यह भी सवाल उठाया गया कि क्या आठवें वेतन आयोग का गठन न करना कर्मचारियों के बीच असंतोष को बढ़ावा दे रहा है। सांसदों ने यह भी पूछा कि क्या सरकार के पास कर्मचारियों की आर्थिक समस्याओं का कोई दूसरा समाधान है।

केंद्रीय कर्मचारियों की निराशा

सरकार के इस बयान के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में नाराजगी देखी जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि सातवें वेतन आयोग के बाद महंगाई लगातार बढ़ी है लेकिन वेतन में सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों के संगठनों ने भी सरकार से मांग की है कि वे 8वें वेतन आयोग का गठन करें ताकि वेतन संरचना को महंगाई के अनुरूप बदला जा सके।

क्या है वेतन आयोग का महत्व?

केंद्र सरकार के वेतन आयोग हर दस साल में एक बार गठित किए जाते हैं। इन आयोगों की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बदलाव किया जाता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में बड़े सुधार किए थे। लेकिन अब सात साल बाद कर्मचारी नए वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं।

मौजूदा कर्मचारियों की चुनौतियां

महंगाई और बढ़ती जीवनयापन लागत के बीच केंद्रीय कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान वेतन संरचना पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि डीए में बढ़ोतरी से भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। पेंशनभोगियों ने भी सरकार से अपील की है कि वे पेंशन की समीक्षा करें। उनका कहना है कि बढ़ती दवाइयों की कीमतों और अन्य खर्चों ने उनकी आर्थिक स्थिति को और खराब कर दिया है।

आगे क्या?

सरकार के जवाब ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच असंतोष को बढ़ा दिया है। अब यह देखना होगा कि क्या सरकार भविष्य में 8वें वेतन आयोग पर विचार करती है या कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई अन्य कदम उठाती है।