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डीडीए की लैंडपूलिंग नीति के तहत 20 लाख आवासों का निर्माण शुरू, जानें पूरी प्रक्रिया

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपनी लैंडपूलिंग नीति के तहत 20 लाख आवासों का निर्माण करने की योजना को तेज कर दिया है। इस योजना के तहत डीडीए दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में आवासीय फ्लैट्स का निर्माण करेगा, लेकिन फिलहाल कुछ क्षेत्रों में संघ का गठन न होने के कारण यह प्रक्रिया सुस्त पड़ी हुई है। आइए जानते हैं इस नीति के तहत आवास निर्माण की पूरी प्रक्रिया और डीडीए की आगामी योजनाओं के बारे में।
 
DDA Landpooling Policy

DDA Landpooling Policy: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपनी लैंडपूलिंग नीति के तहत 20 लाख आवासों का निर्माण करने की योजना को तेज कर दिया है। इस योजना के तहत डीडीए दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में आवासीय फ्लैट्स का निर्माण करेगा, लेकिन फिलहाल कुछ क्षेत्रों में संघ का गठन न होने के कारण यह प्रक्रिया सुस्त पड़ी हुई है। आइए जानते हैं इस नीति के तहत आवास निर्माण की पूरी प्रक्रिया और डीडीए की आगामी योजनाओं के बारे में।

डीडीए लैंडपूलिंग नीति 

लैंडपूलिंग नीति का उद्देश्य दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक आवासों का निर्माण करना है। इसके तहत दिल्ली को विभिन्न जोनों में विभाजित किया गया है, जिनमें पी-1, पी-2, एन, के-1, एल और जे जैसे जोन शामिल हैं। इन जोनों के 138 सेक्टरों में संघ का गठन होने पर ही फ्लैटों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

डीडीए की अगली योजनाएं

लैंडपूलिंग नीति के तहत डीडीए प्रशासन ने अब फ्लैट निर्माण में तेजी लाने की योजना बनाई है। इसके लिए डीडीए किसानों और बिल्डरों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित करेगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संघ के गठन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके।

डीडीए की निगरानी और स्वीकृति

डीडीए द्वारा शुरू की गई सभी प्रक्रियाओं पर निगरानी रखी जाएगी। नीति के हर चरण को आगे बढ़ाने से पहले डीडीए की स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण कार्य बिना किसी अवरोध के समय पर पूरा हो सके। इस प्रक्रिया में किसानों और बिल्डरों का सक्रिय सहयोग आवश्यक होगा।

डीडीए की संवाद बैठकें

डीडीए प्रशासन ने इस वर्ष जुलाई में कुछ गांवों के प्रतिनिधियों और किसानों के साथ बैठकें की थीं, जिसमें नीति के बारे में चर्चा की गई थी। अब, डीडीए ने प्रत्येक सेक्टर में संवाद कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि संघ गठन को प्रोत्साहित किया जा सके और नीति को आगे बढ़ाया जा सके।