Delhi-Mumbai Expressway: इस दिन शुरू होगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, अब सिर्फ सफर में लगेंगे 12 घंटे, जानें पूरी अपडेट

Haryana Kranti, चंडीगढ़: दिल्ली और मुंबई के बीच सफर को तेज और आरामदायक बनाने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अब आम जनता के लिए जल्द ही खुलने जा रहा है। 12 नवंबर 2024 से इस एक्सप्रेसवे का 24 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा के फरीदाबाद बाईपास पर मीठापुर से काली इंटरचेंज तक वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इस हिस्से को तैयार करने के बाद अब ट्रायल रन की तैयारी हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में एक्सप्रेसवे का ट्रायल किया जाएगा ताकि अंतिम तकनीकी परीक्षण भी पूरे हो सकें।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: सफर होगा सिर्फ 12 घंटे का
1,350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी को महज 12 घंटों में पूरा करेगा, जो आमतौर पर सड़क मार्ग से 20-24 घंटे का सफर होता था। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है और इसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ तैयार किया गया है। इस परियोजना के सोहना-दौसा सेक्शन का उद्घाटन 12 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था, और अब यह परियोजना पूरी तरह से अपने अंतिम चरण में है।
फरीदाबाद में 24 किलोमीटर का हिस्सा तैयार
हरियाणा के फरीदाबाद में एक्सप्रेसवे का 24 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से तैयार हो चुका है। यह हिस्सा मीठापुर से काली इंटरचेंज तक फैला हुआ है और इसे फरीदाबाद बाईपास के तौर पर भी जाना जाएगा। आने वाले एक-दो दिनों में इसका ट्रायल भी किया जा सकता है। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि इस सेक्शन के शुरू होने से शहर के ट्रैफिक पर असर पड़ेगा और जाम से राहत मिलेगी।
सितंबर में ही पूरी हो चुकी थी डेडलाइन
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फरीदाबाद सेक्शन की निर्माण डेडलाइन सितंबर 2024 में ही पूरी हो गई थी। हालांकि कुछ तकनीकी पहलुओं और यातायात की तैयारी को देखते हुए इसे अब नवंबर में आम जनता के लिए खोला जा रहा है। अनुमान है कि एक्सप्रेसवे का डीएनडी फ्लाईओवर से कालिंदी कुंज के बीच का हिस्सा अगले साल मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स से मिलेगी सुविधा
फरीदाबाद में इस एक्सप्रेसवे के कई एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जिनसे आसपास के इलाकों में सफर करना आसान हो जाएगा। इन एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स में सेक्टर-30 एत्मादपुर, सेक्टर-28, बसेलवा कॉलोनी, खेड़ीपुल, बीपीटीपी पुल के पास, सेक्टर-3, और सेक्टर-3 आईएमटी के पास के बाईपास शामिल हैं। इससे बल्लभगढ़, पलवल, और गुरुग्राम जाने वाले लोगों को सीधा कनेक्शन मिलेगा।
जाम से मिलेगी राहत
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। बल्लभगढ़ के अनाज मंडी और रेलवे ओवर ब्रिज जैसे स्थानों पर ट्रैफिक का भारी दबाव होता है, जिससे अक्सर जाम की समस्या होती है। एक्सप्रेसवे के बनने से नहर पार से पलवल और गुरुग्राम की तरफ जाने वाले यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा, जो कि ट्रैफिक लोड को काफी हद तक कम कर देगा।
यात्रा होगी सुरक्षित और आरामदायक
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने का अनुभव पूरी तरह से सुरक्षित और आरामदायक होगा। यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपकरणों से लैस है। रोड के दोनों ओर पर्याप्त सुरक्षा बैरियर, आपातकालीन फोन लाइनें और रुकावट रहित सफर के लिए रोड मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, इस पर सभी प्रमुख स्थानों पर रेस्ट स्टॉप, ईंधन स्टेशन, और कैफे की सुविधा भी होगी ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान हर प्रकार की सुविधा मिल सके।
हरियाणा में बदलते बुनियादी ढांचे का प्रतीक
हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के इस हिस्से का निर्माण इस राज्य के तेजी से बदलते बुनियादी ढांचे का प्रतीक है। फरीदाबाद-बाईपास की शुरुआत से न सिर्फ यातायात में सुधार होगा बल्कि यह क्षेत्र में व्यापार और आवागमन के अवसर भी बढ़ाएगा। फरीदाबाद और उसके आसपास के क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल हब होने के कारण यहां अक्सर ट्रैफिक का भारी दबाव होता है। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से न केवल वाहनों का दबाव कम होगा, बल्कि क्षेत्र में नए निवेश की भी संभावना बढ़ जाएगी।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियां
जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से भी बात की है ताकि शहर के विभिन्न हिस्सों में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्देश्य
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा को सुगम बनाना और दोनों महानगरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत और पश्चिम भारत के बीच आवागमन को आसान बनाने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र से होकर गुजरते हुए यह एक्सप्रेसवे इन राज्यों के प्रमुख शहरों और कस्बों को एक नए मार्ग से जोड़ेगा।