वाहन चालकों को मिलेगी बड़ी राहत! द्वारका एक्सप्रेसवे पर सीपीआर सर्विस रोड का निर्माण जल्द होगा शुरू

Gurugram News: गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के सीपीआर (Central Peripheral Road) हिस्से पर लगभग 1.750 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण दिसंबर 2024 से शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना से गुरुग्राम के आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में रहने वाले लगभग चार हजार परिवारों को फायदा होगा। यह सर्विस रोड रिहायशी सोसाइटियों, कॉलोनियों और गांवों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि इससे उनके लिए सड़क संपर्क और परिवहन की स्थिति में सुधार होगा।
सर्विस रोड का निर्माण
सीपीआर हिस्से में सर्विस रोड का निर्माण करना, मुख्यत: ट्रैफिक प्रबंधन और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। यह नई सर्विस रोड द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बन रही है, जिससे आसपास के क्षेत्र में निवास करने वालों को सीधे एक्सप्रेसवे तक पहुंचने में आसानी होगी। इसके निर्माण से उन रिहायशी सोसाइटियों को भी फायदा होगा जो पहले सड़क से कनेक्टिविटी की समस्या का सामना कर रही थीं।
सर्विस रोड का निर्माण कैसे होगा?
इस सर्विस रोड का निर्माण एक निजी बिल्डर द्वारा किया जाएगा। बिल्डर ने अपनी रिहायशी सोसाइटी से जुड़े हुए हिस्से में यह परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने मंजूरी दे दी है। निर्माण का खर्च भी इस बिल्डर द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे जीएमडीए पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
क्या थी समस्या?
द्वारका एक्सप्रेसवे के सीपीआर हिस्से में पहले पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं थी, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस भूमि का अधिग्रहण कर द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण किया था। एनएचएआई से सीपीआर के साथ-साथ इस जमीन के अधिग्रहण का अनुरोध किया गया था, लेकिन एनएचएआई ने इसे अस्वीकार कर दिया था। इसके बावजूद, अब जीएमडीए की मंजूरी से बिल्डर ने यह काम अपनी तरफ से करने का प्रस्ताव दिया है।
किसे मिलेगा फायदा?
यह परियोजना विशेष रूप से उन रिहायशी सोसाइटियों, कॉलोनियों और गांवों के निवासियों के लिए महत्वपूर्ण होगी, जो द्वारका एक्सप्रेसवे के आस-पास स्थित हैं। इन परिवारों को न केवल बेहतर सड़क संपर्क मिलेगा, बल्कि ट्रैफिक जाम और यात्रा में होने वाली देरी से भी राहत मिलेगी।
सीपीआर सर्विस रोड से आसपास के क्षेत्र तक पहुंचने में आसानी होगी। एक्सप्रेसवे और सर्विस रोड के बीच के अंतर को कम करने से यातायात का दबाव कम होगा।इस क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को बेहतर परिवहन की सुविधा मिलेगी। निर्माण का खर्च बिल्डर द्वारा वहन किया जाएगा, जिससे सरकार पर कोई वित्तीय दबाव नहीं आएगा।