Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बनाएगा नया एक्सप्रेसवे! इन तीन विकसित शहरों में कनेक्टिविटी हो जाएगी फर्राटेदार, जानें

FNG Expressway: अब तक कई प्रयासों के बावजूद, इस एक्सप्रेसवे (Expressway News) को बनाने की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंपने की कोशिशें एक बार फिर से शुरू हो गई हैं। खास बात यह है कि इस बार उत्तर प्रदेश की बजाय हरियाणा सरकार ने इस एक्सप्रेसवे (New Expressway) को बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं।
एफएनजी एक्सप्रेसवे (FNG Expressway Update) दिल्ली के नोएडा, फरीदाबाद, और गाजियाबाद के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। यह एक्सप्रेसवे इन तीन शहरों के बीच यातायात को सुसंगत और तेज बनाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इस परियोजना का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पहले कई रुकावटें आई थीं। अब हरियाणा सरकार ने एक नई पहल की है और इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई के हाथ में सौंपने की योजना बनाई है।
हाल ही में नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें इस बात के संकेत दिए गए कि एनएचएआई को एफएनजी का निर्माण सौंपा जाएगा। इस बैठक में यमुना पर बनने वाले पुल और उसे जोड़ने वाली सड़क के अलाइनमेंट पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों का कहना है कि इस पुल के निर्माण की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है, जिसे मंजूरी के लिए भेजा गया है। पुल को 200 से 250 करोड़ रुपये के खर्चे पर तैयार किया जाएगा, जिसे नोएडा और हरियाणा सरकार मिलकर वहन करेंगे।
फरीदाबाद क्षेत्र में एफएनजी एक्सप्रेसवे के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती बन सकती है। किसानों से जमीन लेने में सरकार को अधिक आर्थिक भार उठाना पड़ेगा, जिससे इस प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने का खतरा है। एफएनजी एक्सप्रेसवे के निर्माण से नोएडा, फरीदाबाद, और गाजियाबाद के बीच यात्रा समय में काफी कमी आएगी। साथ ही, इन शहरों के बीच यातायात सुगम और तेज होगा।
पहले की कोशिशों के बावजूद, जब यूपी सरकार ने एनएचएआई को यह जिम्मा देने की कोशिश की थी, तो यह योजना अंतिम रूप से पूरी नहीं हो पाई थी। एक कारण यह भी था कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा तैयार हो चुका था, जिससे एफएनजी एक्सप्रेसवे की उपयोगिता पर सवाल उठे थे। अब हरियाणा सरकार ने अपनी पहल शुरू कर दी है और इस बार यह प्रयास फिर से एनएचएआई को सौंपने का है।
एफएनजी एक्सप्रेसवे की परियोजना नोएडा में काफी हद तक आगे बढ़ चुकी है, हालांकि कुछ हिस्सों में किसानों से भूमि अधिग्रहण और कानूनी विवाद चल रहे हैं। इसके अलावा, नोएडा में एलिवेटेड रोड, फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने की योजना है, जिनके लिए करीब 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।