Haryana Former IAS : हरियाणा के पूर्व आईएएस अधिकारी का अनोखा तरीका, गधों के साथ सड़कों पर घूमकर दिया ये संदेश

हरियाणा के पूर्व आईएएस और फरीदाबाद के पूर्व डीसी प्रवीण कुमार इन दिनों गधों के साथ सड़कों पर घूमते हुए नजर आ रहे हैं। यह नजारा देखकर लोग हैरान हैं। जब लोगों ने उनसे गधों के साथ घूमने की वजह पूछी, तो उनका जवाब सुनकर सभी दंग रह गए। उनका मानना है कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने आचरण और विचारों पर नियंत्रण खो रहे हैं। वह गधों के माध्यम से लोगों को एक खास संदेश देना चाहते हैं।
गधों के माध्यम से लोगों को जागरूक करना
प्रवीण कुमार का कहना है कि आजकल लोग अपने निजी स्वार्थ के कारण एक-दूसरे के शोषण पर उतारू हो गए हैं। वह बड़खल विधानसभा में गली-गली गधों के साथ घूमते हैं और लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि लोग जीने के वास्तविक तरीके को भूलते जा रहे हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा, “देश ने आविष्कार के नाम पर चांद पर पहुंचने का काम किया है, लेकिन लोगों के आचरण अब मलिन होते जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि लोग संसाधनों में उलझ कर रह गए हैं और अपनी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है।
प्रवीण कुमार का बैकग्राउंड
प्रवीण कुमार 2001 बैच के IAS अफसर हैं और हरियाणा कैडर में कई सालों तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अपने अनोखे अंदाज के लिए वह हमेशा चर्चा में रहते हैं। रिटायर होने के बाद भी उनका अंदाज वही है, और अब वह गधों का सहारा लेकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह कदम उन्होंने इसलिए उठाया है क्योंकि आजकल लोग भागदौड़ में इतना व्यस्त हो गए हैं कि वे खुद को और अपने आसपास के लोगों को भूलते जा रहे हैं। उनका मानना है कि गधों के साथ घूमने से लोग थोड़ी देर के लिए ठहरकर अपने विचारों में बदलाव ला सकते हैं।
सामाजिक साक्षरता का संदेश
प्रवीण कुमार ने कहा कि गधों के माध्यम से वह समाज में सामाजिक साक्षरता बढ़ाना चाहते हैं। उनका मानना है कि लोग अपनी सोच को बदलें। उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि हम अपनी मानसिकता में बदलाव ला सकें।” पूर्व अफसर ने गधों को अपने साथी के रूप में चुनने का कारण बताते हुए कहा कि गधे शांत स्वभाव के होते हैं। वह चाहते हैं कि लोग उनके साथ समय बिताकर थोड़ी शांति और सोचने का समय निकालें।
गधों का महत्व और संदेश
गधा एक ऐसा जीव है जो मेहनत और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। प्रवीण कुमार का कहना है कि गधे की तरह हमें भी धैर्य और मेहनत से काम करना चाहिए। वह यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि हमें अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल लोग अपने फोन और तकनीक में इतना उलझे हुए हैं कि वे अपने असली जीवन को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में गधों के साथ घूमना एक तरीका है लोगों को यह याद दिलाने का कि असली खुशियों का अनुभव कैसे किया जाए।
समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास
प्रवीण कुमार का मानना है कि अगर समाज में बदलाव लाना है, तो सभी को एकजुट होना होगा। उनका यह कदम एक पहल है, जिससे वह चाहते हैं कि लोग ठहरें और अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील बनें। वह अक्सर गली-गली घूमकर लोगों से बातचीत करते हैं। लोगों के साथ मिलकर वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके इस अनोखे तरीके ने न केवल उन्हें चर्चा का विषय बना दिया है, बल्कि लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इस तरह प्रवीण कुमार गधों के साथ अपनी यात्रा के माध्यम से समाज में एक नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि लोग अपनी सोच में परिवर्तन लाएं और अपने आचार-व्यवहार को सुधारें।