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भारतीय रेलवे ने दिया दिवाली पर खास तोहफा! बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मिली नई रेल लाइन की सौगात

भारतीय रेलवे ने बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लाखों लोगों को नई रेल लाइनों की मंजूरी के रूप में दिवाली का तोहफा दिया है। इन लाइनों से गांवों के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा, साथ ही कृषि और उद्योगों के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
 
New Railway Line

New Railway Line: भारतीय रेलवे ने बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लाखों लोगों को नई रेल लाइनों की मंजूरी के रूप में दिवाली का तोहफा दिया है। इन लाइनों से गांवों के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा, साथ ही कृषि और उद्योगों के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

यह 556 गांवों से होकर गुजरेंगी. इससे लोगों को किसी न किसी तरह से फायदा होने वाला है।' दोनों लाइनों की लंबाई 313 किमी है। यह पांच जिलों से होकर गुजरेगी. नई लाइनों से परिवहन के साथ-साथ कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लोहा, स्टील, सीमेंट जैसी चीजों का परिवहन आसानी से किया जा सकेगा।

कैबिनेट ने 6,798 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिन्हें पांच साल में पूरा किया जाएगा। इससे बिहार के रक्सौल, सीतामढी, दरभंगा के करीब 388 गांवों और करीब 9 लाख लोगों को फायदा होगा. 

वहीं, सीतामढी-मुजफ्फरपुर रेलखंड के दोहरीकरण से यहां के लोगों को सुविधा मिलेगी. इससे नेपाल के साथ-साथ पूर्वोत्तर में भी रेलवे परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा। यात्री ट्रेनों के साथ-साथ मालगाड़ियों की आवाजाही में भी सुधार होगा। क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा.

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एर्रुपलेम-अमरावती-नम्बुरु लाइन से स्थानीय लोगों को सीधा लाभ होगा। इस लाइन में 9 नए स्टेशन बनेंगे और अमरावती को कनेक्ट किया जाएगा, जिससे राज्य की परिवहन क्षमता में वृद्धि होगी।

नई रेल लाइनों के माध्यम से लगभग 31 मिलियन टन प्रति वर्ष माल ढुलाई में वृद्धि होगी, जिसमें उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट और कृषि उत्पाद शामिल हैं। इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है, जिससे देश की लॉजिस्टिक्स लागत में भी कमी आएगी।