Movie prime

Karwa Chauth: चाँद देखकर करवा चौथ का व्रत क्यों खोला जाता है, जानें छलनी का क्या है फंडा 

 
 
जानें छलनी का क्या है फंडा 

Haryana kranti, करवा चौथ: करवा चौथ पर चंद्रमा को छलनी से देखने और छलनी पर दीपक रखने की परंपरा का गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस परंपरा में भगवान गणेश का विशेष स्थान है, क्योंकि करवा चौथ में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उन्हें परिवार के लिए सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

चंद्रमा को छलनी से देखने का महत्व

छलनी से चंद्रमा को देखने का धार्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ होता है। छलनी से देखने का मतलब है कि महिलाएं अपने पति के लिए हर मुश्किल को छानती हैं, बुराइयों को दूर करती हैं।

यह इस बात का प्रतीक है कि जिस तरह छलनी चीजों को छानकर साफ करती है, उसी तरह यह रिश्ते में आने वाली नकारात्मकता को दूर करती है और उसमें प्यार और पवित्रता बनाए रखती है।

चंद्रमा को छलनी से देखने का एक अन्य कारण यह भी है कि चंद्रमा को सीधे देखना महिलाओं के लिए शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए छलनी का उपयोग किया जाता है।

दीपक का महत्व

दीपक प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है। जब कोई महिला छलनी पर दीपक रखकर चंद्रमा को देखती है तो वह अपने पति के जीवन में रोशनी लाने और अंधकार दूर करने की कामना करती है। दीपक की लौ इस बात का प्रतीक है कि वह अपने पति के जीवन में मार्गदर्शक बनकर उनकी सभी परेशानियों में उनका साथ देती है।

भगवान गणेश का संबंध

करवा चौथ की पूजा में भगवान गणेश की विशेष भूमिका होती है। प्रत्येक शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता और शुभ माना जाता है।

करवा चौथ पर महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश अपने सिर की तरह चंद्रमा से भी जुड़े हुए हैं। चूंकि एक बार चंद्र ने भगवान गणेश का मजाक उड़ाया था, इसलिए गणेश ने उन्हें शाप दिया था कि उन्हें दोषी ठहराया जाएगा। इसलिए चंद्रमा को सीधे न देखने के दोष से बचने के लिए चंद्रमा को छलनी से देखने की परंपरा शुरू हुई।

इस प्रकार भगवान गणेश की पूजा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के पीछे छलनी से चंद्रमा को देखने और दीपक रखने की परंपरा का गहरा महत्व है।