नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने किया बड़ा खेला! किसानों की हो गई खूब मौज, 5 साल में डबल हुए जमीनों के रेट

Jewar Airport: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जेवर इलाके की ज़मीन अब सोने और हीरे की तरह कीमती हो चुकी है। इसका मुख्य कारण है जेवर एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट), जो इस क्षेत्र को एक नया निवेश और विकास हब बना रहा है। बीते कुछ सालों में, यहां की ज़मीन की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है और आने वाले वर्षों में इसमें और बढ़ोतरी का अनुमान है।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण ने इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण परिवहन और वाणिज्यिक केंद्र बना दिया है। एयरपोर्ट के निर्माण के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, मेट्रो लाइन विस्तार और अन्य प्रमुख परियोजनाओं ने इस इलाके में जमीन की कीमतों को आसमान छूने जैसा बना दिया है। यह एयरपोर्ट दिल्ली और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला एक अहम केंद्र बनने जा रहा है। मेट्रो लाइन का विस्तार इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। इंटरनेशनल फिल्म सिटी और अन्य परियोजनाओं के कारण क्षेत्र का विकास तेज हो रहा है।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 सालों में जेवर क्षेत्र की ज़मीन की कीमतों में 40% की वृद्धि हुई है और 2030 तक इसमें 50% और वृद्धि हो सकती है। स्क्वायर यार्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में ज़मीन की औसत कीमत 2000-2400 रुपये प्रति स्क्वायर फीट थी, जो अब 4500-5000 रुपये प्रति स्क्वायर फीट तक पहुंच चुकी है।
वर्तमान में लैंड निवेश का ट्रेंड बढ़ा है। यहां के निवेशक ज़मीन खरीद रहे हैं, क्योंकि भविष्य में इनकी कीमतों में और वृद्धि का अनुमान है। यहां फ्लैट और मकानों की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं, हालांकि लैंड की तुलना में फ्लैट्स की मांग थोड़ी कम है। यमुना एक्सप्रेसवे औथोरिटी द्वारा हाल ही में कुछ हाउसिंग स्कीम्स लॉन्च की गई हैं, जिसमें आवेदन करने वाले लोगों की संख्या 300 से अधिक रही है।
इस क्षेत्र में इंवेस्टर्स ज़मीन खरीद रहे हैं, क्योंकि भविष्य में इसके दाम में और इजाफा हो सकता है। आगामी एयरपोर्ट और मेट्रो परियोजनाओं से जमीन की कीमतें और बढ़ने का अनुमान है। अथॉरिटी के हाउसिंग प्लॉट्स में आवेदन की संख्या 1.50 लाख तक पहुंच गई है, जो इस क्षेत्र में संपत्ति की बढ़ती मांग को दिखाता है।