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मां डाटकाली के दर्शन अब होंगे बेहद आसान, एक्सप्रेस वे को मंदिर से सीधा जोड़ेगा 1.3 किमी लंबा वायाडक्ट

दिल्ली, मेरठ, और सहारनपुर की ओर से मां डाटकाली मंदिर (Maa Datakali temple) जाने वाले भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब एक नया वायाडक्ट (Viaduct) एक्सप्रेसवे (New Expressway) पर बनने जा रहा है, जो सीधे दिल्ली, मेरठ और सहारनपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को मां डाटकाली मंदिर तक पहुंचाएगा।
 
Expressway

Expressway: दिल्ली, मेरठ, और सहारनपुर की ओर से मां डाटकाली मंदिर (Maa Datakali temple) जाने वाले भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब एक नया वायाडक्ट (Viaduct) एक्सप्रेसवे (New Expressway) पर बनने जा रहा है, जो सीधे दिल्ली, मेरठ और सहारनपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को मां डाटकाली मंदिर तक पहुंचाएगा। इस परियोजना के तहत, अब भक्तों को एक्सप्रेसवे पर यू-टर्न लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और वे सीधे वायाडक्ट के माध्यम से मंदिर पहुंच सकेंगे।

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे  

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे की शुरुआत के बाद, दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र ढाई घंटे की रह जाएगी। यह न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए यात्रा को और सुविधाजनक बनाएगा। इसके साथ ही, वायाडक्ट का निर्माण इस रास्ते को सीधे मां डाटकाली मंदिर से जोड़ेगा, जिससे यात्रा में और अधिक सुविधा मिलेगी।

वायाडक्ट का निर्माण और इसके फायदे

वायाडक्ट के बनने से अब दिल्ली, मेरठ, और सहारनपुर से आने वाले भक्तों को एक्सप्रेसवे पर यू-टर्न लेने की जरूरत नहीं होगी। वे सीधे वायाडक्ट से मंदिर तक पहुंच सकेंगे। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति तेज रहती है, और इस वायाडक्ट के निर्माण से यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इसके जरिए यातायात की व्यवस्था और बेहतर होगी, और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।

एक्सप्रेसवे के रफ्तार को ध्यान में रखते हुए वायाडक्ट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे मंदिर जाने वाले भक्तों की संख्या बढ़ने के बावजूद भीड़ कम रहेगी और यातायात की व्यवस्था सुचारू रहेगी। इस वायाडक्ट का निर्माण होते ही श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं लगेगा। यह एक बेहद सुविधाजनक रास्ता साबित होगा।

परियोजना की समयसीमा और निर्माण

वायाडक्ट का निर्माण एनएचएआई द्वारा कराया जा रहा है, और अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को एक सुगम और सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है। एक्सप्रेसवे पर रफ्तार को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को बिना किसी रुकावट के मंदिर तक पहुंचाया जा सके।