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आम आदमी की रसोई का बिगड़ा बजट! सरसों तेल, प्याज और टमाटर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, जाने आज के नए रेट

खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक महीने में 5-8% तक बढ़ गई हैं। नवंबर की शुरुआत में सरसों तेल 2.5% बढ़कर 167 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया। पाम तेल में 8% की वृद्धि के बाद इसकी कीमत 129 रुपए प्रति लीटर हो गई है। सोयातेल और सूरजमुखी तेल की कीमतों में भी 5% की वृद्धि दर्ज की गई है जिससे ये क्रमशः 141 और 147 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहे हैं​। 
 
Mustard Oil

बीते कुछ महीनों से देश में खाने-पीने की चीज़ों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सब्जियों के साथ-साथ अब खाने के तेल की कीमतों में भी भारी उछाल देखा जा रहा है। मौजूदा हालात में आम आदमी की रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ चुका है। खाद्य महंगाई के कारण अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 14 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है​। 

खाद्य तेलों के बढ़ते दाम

खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक महीने में 5-8% तक बढ़ गई हैं। नवंबर की शुरुआत में सरसों तेल 2.5% बढ़कर 167 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया। पाम तेल में 8% की वृद्धि के बाद इसकी कीमत 129 रुपए प्रति लीटर हो गई है। सोयातेल और सूरजमुखी तेल की कीमतों में भी 5% की वृद्धि दर्ज की गई है जिससे ये क्रमशः 141 और 147 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहे हैं​। 

विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतें उत्पादन में कमी और आपूर्ति में बाधाओं के कारण हैं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी इस पर असर पड़ा है। 

प्याज, टमाटर और आलू की बढ़ी हुई कीमतें

सब्जियों की कीमतें भी आम लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। प्याज के दाम इस समय 70-80 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं, जो अक्टूबर में 52% तक महंगे हुए थे। टमाटर के दाम में एक साल के भीतर 161% का इजाफा हुआ है, जबकि आलू की कीमतों में 65% की बढ़ोतरी हुई है। 

विशेषज्ञों के अनुसार प्याज की ऊंची कीमतों के पीछे भंडारण की कमी और मौसम में बदलाव एक प्रमुख कारण हैं। प्याज की आपूर्ति कम होने से इसके दाम बढ़े हैं, और आने वाले दिनों में भी इनकी कीमतें स्थिर रहने की संभावना कम है​।

आम आदमी के बजट पर असर

तेजी से बढ़ती महंगाई ने हर घर के बजट को प्रभावित किया है। अब लोग खाने-पीने की जरूरी चीजों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को मजबूर हैं। खुदरा महंगाई दर में लगातार वृद्धि होने से आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ रही है। चाय की कीमत में भी 3% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे अब इसकी कीमत 271 रुपए प्रति किलो हो गई है​।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति जारी रही तो आम जनता की जेब पर और भी ज्यादा भार पड़ेगा। हालांकि, नवंबर के अंत तक सब्जियों के दाम में कुछ गिरावट की उम्मीद है, लेकिन प्याज की कीमतें ऊंची बनी रहने की संभावना है।