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दिल्ली-NCR में यहाँ  प्रॉपर्टी की कीमतें छू रहीं आसमान! लोगों में पैसा लगाने की मची होड़ 

भारत के प्रमुख शहरों में घर खरीदना आम आदमी के लिए एक बड़ा खर्च बन चुका है। उच्च कीमतों और बढ़ती मांग के कारण, अब लोग घर खरीदने के लिए शहरों के बाहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। यह बदलाव प्रॉपर्टी के बाजार को प्रभावित कर रहा है, जहां बड़े शहरों के आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 
 
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Haryana Kranti, न्यू दिल्ली: भारत के प्रमुख शहरों में घर खरीदना आम आदमी के लिए एक बड़ा खर्च बन चुका है। उच्च कीमतों और बढ़ती मांग के कारण, अब लोग घर खरीदने के लिए शहरों के बाहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। यह बदलाव प्रॉपर्टी के बाजार को प्रभावित कर रहा है, जहां बड़े शहरों के आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 

ANAROCK की ताजा रिसर्च से यह स्पष्ट हो गया है कि, पिछले कुछ वर्षों में बाहरी इलाकों में प्रमुख क्षेत्रों के मुकाबले कहीं अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। नौएडा एक्सप्रेसवे, पनवेल, राज नगर एक्सटेंशन जैसे क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतों में कई गुना वृद्धि हो चुकी है। यह वृद्धि उन इलाकों में, जहां पहले सस्ते दामों पर घर मिलते थे, अब खरीदारी के लिए चुनौती बन चुकी है।

 मुख्य क्षेत्रों में भी कीमतें बढ़ीं, लेकिन बाहरी इलाकों का प्रदर्शन बेहतर रहा। रिसर्च के मुताबिक सोहना, गुरुग्राम एनसीआर में 43 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यहां प्रति वर्ग फुट कीमत 2019 में 4,120 रुपये से बढ़कर 5,900 रुपये हो जाएगी. विरार, मुंबई में, कीमतें 58 प्रतिशत बढ़कर 4,440 रुपये से 6,850 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं, जबकि देवनहल्ली, बेंगलुरु में, यह 49 प्रतिशत बढ़कर 7,400 रुपये प्रति वर्ग फुट से 4,982 रुपये हो गईं।

कई बाहरी इलाकों में अब बेहतर कनेक्टिविटी, जैसे एक्सप्रेसवे, मेट्रो नेटवर्क और सड़कों के निर्माण ने इन इलाकों की सुलभता को बढ़ाया है। बढ़ते हुए औद्योगिक और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के कारण इन इलाकों में जीवन स्तर में सुधार हुआ है। नए मॉडर्न प्रोजेक्ट्स जो ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, इनकी मांग बढ़ाने का मुख्य कारण हैं। महामारी के दौरान लोग शहरों के अंदर के भीड़-भाड़ से बचकर खुले और बड़े स्थानों की तलाश में बाहर के इलाकों में गए हैं। सस्ती कीमतों और खुले स्थानों ने लोगों को आकर्षित किया है।

हालांकि, प्रमुख शहरों के प्रमुख क्षेत्रों में भी कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन बाहरी इलाकों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। जैसे मुंबई के वर्ली में 37% वृद्धि हुई, लेकिन इन क्षेत्रों में कीमतों की दर ज्यादा है। वहीं, बाहरी इलाकों में कीमतें ज्यादा तेजी से बढ़ी हैं और अब वह भी सस्ते ऑप्शन्स नहीं रहे। इस प्रकार की वृद्धि से यह संभावना जताई जा रही है कि यदि यह ट्रेंड जारी रहा तो आने वाले समय में बाहरी इलाकों में किफायती घर मिलना मुश्किल हो सकता है। अब जो लोग इन इलाकों में घर खरीदने के इच्छुक हैं, उनके लिए कीमतें पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुकी हैं।