राजस्थान सरकार ने लागू किए नए विकास प्रोत्साहन और नियंत्रण नियम, भू-उपयोग परिवर्तन की लंबी प्रक्रिया से मिलेगी राहत

राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक कदम उठाते हुए "विकास प्रोत्साहन और नियंत्रण नियम" लागू किए हैं। यह जानकारी नगरीय विकास विभाग द्वारा साझा की गई। नए नियमों के तहत नागरिक अब भू-उपयोग परिवर्तन की लंबी और जटिल प्रक्रिया से मुक्त होंगे। राज्य सरकार की इस पहल से स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण और नगर विकास न्यास को सीधे राज्य सरकार के पास प्रकरण भेजने की जरूरत नहीं होगी। यह नियम स्थानीय स्तर पर निर्धारित मापदंडों के आधार पर स्वीकृति देने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।
किस तरह होगा भू-उपयोग परिवर्तन आसान?
इस नियम के लागू होने से भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। लोग अब बिना विस्तृत प्रक्रियाओं का पालन किए अपने संपत्ति के उपयोग को बदल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आवासीय क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र में बदलना हो या किसी अन्य तरह का परिवर्तन करना हो तो स्थानीय निकाय इस परिवर्तन को बिना राज्य सरकार की मंजूरी के ही स्वीकृति दे सकते हैं। इससे लोगों का समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
शहरों में सुविधाओं के स्थानांतरण और आवंटन का आसान रास्ता
नए नियमों के तहत शहरों में सामुदायिक सुविधाओं जैसे - शैक्षणिक, चिकित्सा और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं का स्थानांतरण और आवंटन भी आसान हो जाएगा। इससे शहरों में सामुदायिक सेवा के विस्तार में आने वाली बाधाएं दूर होंगी और शहरों में योजनाबद्ध विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
मास्टर प्लान लागू करने में सहूलियत
नए नियमों के चलते स्थानीय निकायों को मास्टर प्लान लागू करने, योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करने और आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति में सहूलियत होगी। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि शहरी क्षेत्रों में विकास तेज गति से होगा और लोगों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी। मास्टर प्लान के तहत हर क्षेत्र का भू-उपयोग पहले से तय होता है इसलिए बदलाव में जो बाधाएं पहले आती थीं, वे अब नहीं रहेंगी।
स्थानीय स्तर पर मापदंडों के अधीन स्वीकृति
राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वीकृति देने के लिए तकनीकी मानकों का निर्धारण किया है। ये मानक सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्र का पर्यावरण प्रभावित न हो। जैसे, पर्यावरण सुरक्षा के लिए न्यूनतम मानकों को ध्यान में रखते हुए विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा।
नगरीय विकास विभाग का उद्देश्य
राजस्थान के नगरीय विकास विभाग का उद्देश्य इन नियमों के माध्यम से शहरी विकास की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है। नगरीय विकास विभाग के अनुसार इन नियमों के लागू होने से आम नागरिकों और निवेशकों के लिए परियोजनाओं को शुरू करना आसान हो जाएगा जिससे प्रदेश में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
किस तरह से लागू होंगे नए नियम?
इन नए नियमों के तहत स्थानीय निकाय या नगर निगम अपने क्षेत्रों में भू-उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति दे सकते हैं। उन्हें केवल स्थानीय मापदंडों को पूरा करना होगा। किसी भी तरह की योजना को लागू करने के लिए क्षेत्र के मास्टर प्लान के अनुसार कदम उठाने होंगे। इससे पूरे शहर में सुसंगत विकास होगा और निवासियों को बेहतर ढांचागत सुविधाएं मिल सकेंगी।
नागरिकों को कैसे मिलेगा फायदा?
इन नियमों के जरिए राज्य सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों को किसी भी प्रकार का विकास कार्य शुरू करने में देरी न हो। इससे ना केवल लोग अपने क्षेत्र में योजना बना सकते हैं बल्कि उन्हें बेहतर स्वीकृति प्रक्रिया का लाभ भी मिल सकेगा। इसके साथ ही विकास कार्यों में तेजी आएगी जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।