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डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा तक बिछेगी 277 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन, 300 करोड़ की मंजूरी 

डोंगरगढ़ से कटघोरा तक प्रस्तावित 277 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का कार्य फिर से प्रारंभ हो रहा है, जिसमें खनिज न्यास मद (डीएमएफ) से 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह राशि भू-अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों में उपयोग की जाएगी, जिससे परियोजना में गति आएगी।
 
New Railway Line

New Railway Line: डोंगरगढ़ से कटघोरा तक प्रस्तावित 277 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का कार्य फिर से प्रारंभ हो रहा है, जिसमें खनिज न्यास मद (डीएमएफ) से 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह राशि भू-अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों में उपयोग की जाएगी, जिससे परियोजना में गति आएगी।

गुरुवार को रायपुर स्थित सीएम आवास में डीएमएफ सलाहकार समिति की बैठक हुई. डीएमएफ से किन-किन परियोजनाओं के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है और अब तक कितना काम हुआ है, इसकी समीक्षा कहां की जाए? इसी बैठक में प्रस्तावित डोंगरगढ़-कवर्धा-मुंगेली-कटघोरा रेलवे लाइन का मुद्दा भी उठा. इस पर काम वर्षों से लगभग रुका हुआ है। 

सीएम विष्णुदेव साय ने इस रेलवे लाइन के भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए डीएमएफ फंड से 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. सीएम साय ने कहा कि डीएमएफ में उपलब्ध राशि का उपयोग प्रदेश में अधोसंरचना विकास की अवधारणा में किया जाये. इस परियोजना पर 4821 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में सर्वे कराकर डोंगरगढ़ से कवर्धा होते हुए कटघोरा तक 277 किमी लंबी रेलवे लाइन का प्रस्ताव बनाया गया था। 

अनुमानित लागत 4821 करोड़ रुपये है. अक्टूबर 2018 में इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन भी हुआ था. छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद लगभग बंद हो चुकी यह योजना फिर से रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलवे लाइन के लिए 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। अब इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

रेलवे लाइन पर डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच लोहारा, गंडई, छुईखदान समेत 12 स्टेशन और कवर्धा से कटघोरा के बीच पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, कठकोनी समेत 15 स्टेशन बनाए जाने हैं। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी. इतना ही नहीं इस रूट को ट्रेन से जोड़ने से क्षेत्र में विकास को भी गति मिलेगी.

 परियोजना से सर्वाधिक लाभ जिले के डोंगरगढ़ और कबीरधाम को मिलने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। रेलवे लाइन के निर्माण से न केवल डोंगरगढ़ से कवर्धा होते हुए कोरबा के यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।