वेतन आयोग और ओपीएस पर संघर्ष जारी! केंद्र को 25 जनवरी तक का अल्टीमेटम, इसके बाद गरमाएगा आंदोलन

Formation of 8th Pay Commission: भारत में रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees) के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष एक लंबे समय से जारी है, और अब केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन और ओपीएस (Old Pension Scheme) पर फैसला जल्द ले। अगर केंद्र सरकार जनवरी 2025 तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो एआईआरएफ और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए यह एक सुनहरा मौका है अपनी मांगों को मनवाने का, और यूनियन इस संघर्ष को अंत तक जारी रखने का संकल्प ले चुकी है।
8वें वेतन आयोग का गठन
रेलवे कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। इस आयोग के गठन से कर्मचारियों की वेतन संरचना में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है, और यदि जनवरी तक कोई फैसला नहीं आता है, तो यूनियन के पदाधिकारी सड़कों पर उतरने का मन बना चुके हैं।
ओपीएस की बहाली की मांग
इसके अलावा, रेलवे कर्मचारियों का एक और बड़ा मुद्दा ओपीएस (Old Pension Scheme) की बहाली है। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) के तहत उन्हें जो लाभ मिल रहे हैं, वह उनके जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारियों ने ओपीएस की बहाली की मांग की है। एआईआरएफ का कहना है कि जब तक ओपीएस को पुनः लागू नहीं किया जाता, संघर्ष जारी रहेगा।
यूनियन का संघर्ष और कर्मचारियों का समर्थन
यूनियन के नेताओं का कहना है कि एआईआरएफ और अन्य कर्मचारियों के संगठनों की तरह केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि पूरे साल कर्मचारियों के बीच उनकी जरूरतों और समस्याओं के बारे में काम किया जाता है। कामरेड इरशाद खान ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूनियन कर्मचारियों के हर सुख-दुख में साथ खड़ी रहती है, और यही वजह है कि कर्मचारियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। हाल ही में हुए संस्थागत चुनावों में यूनियन ने अपनी जीत दर्ज की, जहां अधिकतर सीटों पर लाल झंडे का परचम लहराया।
आगामी चुनाव और यूनियन की रणनीति
रेलवे में ट्रेड यूनियन के गुप्त मतदान के लिए 4, 5 और 6 दिसंबर 2024 को चुनाव होंगे, जिनमें कर्मचारियों को अपने संगठन को वोट देने का मौका मिलेगा। इस चुनाव में एआईआरएफ और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के पदाधिकारी अपने कर्मचारियों से संपर्क करने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। वे कर्मचारियों के घरों और कार्यालयों में जाकर उनके सवालों के जवाब दे रहे हैं और संगठन द्वारा किए गए कार्यों को बता रहे हैं।
यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन, हरिप्रसाद मीणा, श्रीप्रकाश शर्मा और राजू लाल गुर्जर ने कहा कि इस बार का चुनाव पहले के चुनावों से अलग होगा, क्योंकि कर्मचारियों को अब यह समझ में आ चुका है कि कौन सा संगठन उनके हितों के लिए सही काम कर रहा है।