719 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बिहार के 9 जिलों का करेगा भला, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत नेपाल को भी होगा बड़ा लाभ

Raxaul-Haldia Expressway: बिहार में एक्सप्रेसवे (Bihar Biggest Expressway) का नेटवर्क तेजी से विस्तार कर रहा है, और आने वाले समय में राज्य में कई बड़े एक्सप्रेसवे चालू होंगे। इनमें से सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे होगा, जो बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे साबित होगा। इस परियोजना का निर्माण बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नेपाल के लिए भी एक आर्थिक और परिवहन क्रांति लाने वाला है।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे 719 किलोमीटर (Raxaul-Haldia Expressway ki Lmbai) लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जो बिहार के 9 प्रमुख शहरों को जोड़ते हुए नेपाल तक अपनी पहुंच बनाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल बिहार और झारखंड के विभिन्न शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि नेपाल को भी बड़े फायदे मिलेंगे। यह एक्सप्रेसवे नेपाल से भारत आने-जाने वाले माल को तेजी से और कम समय में ट्रांसपोर्ट करेगा, जिससे नेपाल और भारत के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
लंबाई और मार्ग
यह एक्सप्रेसवे 719 किलोमीटर लंबा होगा और बिहार के 9 प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगा जिसमें रक्सौल, पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर, बेगुसराय, सूर्यगढ़ा, मलयपुर, चिरयंदी, बांका शामिल हैं। झारखंड में यह देवघर, जामताड़ा से होता हुआ फिर पश्चिम बंगाल में हल्दिया पहुंचेगा।
व्यापर को गति
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे से नेपाल के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों के बीच व्यापार और माल परिवहन की गति बढ़ेगी। यह खासतौर पर नेपाल के लिए फायदेमंद साबित होगा, जहां से भारी मात्रा में सामान भारत आता है।
औद्योगिक गलियारा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से एक नया औद्योगिक गलियारा बनेगा, जो बिहार और झारखंड को हल्दिया बंदरगाह से सीधे जोड़ेगा। इससे खनिजों और खानों के परिवहन में भी गति आएगी, और इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
60,000 करोड़ रुपये का निवेश
इस परियोजना की कुल लागत करीब 60,000 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नेपाल को मिलेंगी बड़ी सुविधाएँ
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के चालू होने से नेपाल के साथ भारत का व्यापार बहुत ही आसान और तेज हो जाएगा। नेपाल से भारत आने और जाने वाले माल को अब बहुत कम समय में एक्सप्रेसवे के माध्यम से भेजा जा सकेगा। इससे नेपाल के व्यापारियों को भी फायदा होगा, और नेपाल-बिहार और नेपाल-भारत के बीच आर्थिक रिश्ते मजबूत होंगे।
यात्रा समय में कमी
एक्सप्रेसवे की समाप्ति के बाद, देवघर और पटना, कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय मात्र 3 घंटे रह जाएगा। इससे लोगों को लंबी दूरी की यात्रा में समय की बचत होगी, जो खासकर व्यापारियों और पर्यटकों के लिए फायदेमंद रहेगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय की पहल
यह परियोजना भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, जो देशभर में सड़क कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई है। इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जाएगा, जिससे गाड़ियों की आवाजाही तेज और सुरक्षित होगी।