लो जी यूपी के वाहन चालकों की तो हो गई चांदी! सभी राज्यों को फायदा पहुंचाएगा यह एक्सप्रेसवे, बस खुलने ही वाले हैं इसके गेट, जानें

Expressway: उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन राज्य में परिवहन की गति को तेज करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था और जीवन स्तर में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाएगा।
निर्माण कार्य
गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी गति सीमा 120 किमी प्रति घंटे तय की गई है, जो इसे यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और तेज मार्ग बनाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 40 प्रतिशत काम अभी बाकी है, और इसे पूरा करने की गति तेज की गई है।
अंडरपास और फ्लाईओवर
गंगा एक्सप्रेसवे पर 26 अंडरपास बनाए जाएंगे, जिनमें से कुछ का निर्माण पहले से ही तेजी से चल रहा है। कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बसीरतगंज और नेवरना में एक-एक फ्लाईओवर का निर्माण भी चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, प्रयागराज तक का सफर मात्र ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जो पहले बहुत लंबा और समय-consuming होता था।
नए मार्ग और कनेक्टिविटी
मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने वाला यह एक्सप्रेसवे छह तहसीलों और 76 गांवों को जोड़ने का काम करेगा, जिससे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से व्यापार, उद्योग और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।
कनेक्टिविटी में सुधार
गंगा एक्सप्रेसवे के खुलने से उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से जुड़ने वाली कनेक्टिविटी बेहतर होगी। नए मार्ग से आने-जाने वाले यात्रियों को समय की बचत होगी और उनकी यात्रा का अनुभव आरामदायक होगा।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 1314 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।18644 किसानों को मुआवजा दिया जाएगा, जिनमें से 1185 काश्तकारों को 65 करोड़ रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है।