Movie prime

दिल्ली से मुंबई अब होगी महज 12 घंटे की दूरी, 2026 में मिलेगी इस शानदार एक्सप्रेसवे की सौगात 

दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा को और तेज़ बनाने के लिए तैयार हो रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर काम तेज़ी से चल रहा है। यह परियोजना 2026 तक पूरी हो जाएगी, जिसके बाद दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 12 घंटे तक कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य वित्तीय और राजनीतिक राजधानियों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है और लोगों के यात्रा अनुभव को आसान और तेज़ बनाना है।
 
Expressway

Expressway: दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा को और तेज़ बनाने के लिए तैयार हो रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर काम तेज़ी से चल रहा है। यह परियोजना 2026 तक पूरी हो जाएगी, जिसके बाद दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 12 घंटे तक कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य वित्तीय और राजनीतिक राजधानियों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है और लोगों के यात्रा अनुभव को आसान और तेज़ बनाना है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा और सबसे तेज़ बनने वाला सड़क मार्ग है। इसके निर्माण में कई राज्य सरकारें और ठेकेदार शामिल हैं। इस परियोजना की शुरुआत मार्च 2019 में हुई थी और पहले खंड का उद्घाटन फरवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों से होकर गुजरेगा, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लेकर मुंबई के बंदरगाह तक का रास्ता खोलने का कार्य करेगा।

देरी के कारण और समाधान

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की निर्माण प्रक्रिया में समय सीमा में बदलाव आया है। जब इस परियोजना की शुरुआत हुई थी, तो इसका लक्ष्य जनवरी 2023 तक पूरा होना था, लेकिन कुछ तकनीकी और व्यावहारिक कारणों के चलते इसे 2026 तक बढ़ा दिया गया है। हर्ष मल्होत्रा, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री ने बताया कि भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती रही है, क्योंकि यह प्रक्रिया कई राज्यों से गुजरती है और राज्य सरकारों से सहमति की आवश्यकता होती है।

निर्माण में सामने आई कमियां

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुछ कमियों को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली-वडोदरा खंड में कुछ ठेकेदारों की लापरवाही पाई गई थी, जिसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है। गडकरी ने संसद में यह भी बताया कि आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-गांधीनगर के विशेषज्ञों द्वारा एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया गया और कमियां पाई गईं, जिसके बाद चार ठेकेदारों को नोटिस जारी कर उन्हें काली सूची में डालने की सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फायदे

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 12 घंटे से भी कम हो जाएगा, जो पहले लगभग 24 घंटे था। एक्सप्रेसवे का निर्माण आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह दोनों महानगरों के बीच बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करेगा। यात्रा समय में कमी के कारण ईंधन की खपत घटेगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच व्यापारिक और राजनीतिक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जो देश की विकास प्रक्रिया में अहम योगदान देगा।