यात्रा होगी फर्राटेदार, खुलने वाले हैं इस एक्सप्रेसवे के दरवाजे, वादियों के से होती हुई सरपट दौड़ लगाएंगी गाड़ियां, जानें इसका पूरा रूट मेप

Delhi-Dehradun Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हाल ही में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे (Delhi-Dehradun Expressway) के निर्माण को लेकर एक अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि अगले तीन महीनों में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा हो जाएगा, जिससे दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय 5-6 घंटे से घटकर केवल दो घंटे रह जाएगा। यह परियोजना न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि इससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
वर्तमान में दिल्ली से देहरादून तक जाने में 5-6 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद यात्रा का समय घटकर केवल 2 घंटे रह जाएगा। यह दोनों शहरों के बीच यात्रा को बहुत सरल और तेज बना देगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दिल्ली और उत्तराखंड के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी.
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, क्योंकि बड़ी संख्या में श्रमिकों को काम मिलेगा। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में भी विकास की गति तेज होगी। एक्सप्रेस-वे पर बेहतर सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है। इसके अलावा, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम के माध्यम से यातायात को नियंत्रित किया जाएगा।
इसके अलावा, नितिन गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण की भी घोषणा की। यह परियोजना दो महीने में पूरी हो जाएगी, जिससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा। यह देश के दो प्रमुख महानगरों के बीच यात्रा को बहुत सरल और तेज बना देगा।
गडकरी ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सरकार जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और कृषि आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। इसके अलावा, पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए 400 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जो हर साल दो करोड़ टन चावल के भूसे को वैकल्पिक ईंधन में बदलने का काम करेंगी।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय है। गडकरी ने बताया कि भारत में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1,78,000 मौतें होती हैं। उनका मंत्रालय दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई कदम उठा रहा है, जिनमें ब्लैक स्पॉट्स (दुर्घटना संभावित क्षेत्रों) का सुधार, सड़क सुरक्षा में सुधार, और बेहतर शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।