यूपी हरियाणा के बीच बनेगा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 35000 करोड़ रुपये की लागत से 22 जिलों की होगी सीधी कनेक्टिविटी
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को आपातकालीन सड़क मार्ग के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें एक हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। यह विशेषकर चीन के साथ चुनौतियों से निपटने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसके अलावा, नेपाल के माध्यम से चीन को जोड़ने वाले नए ग्रीनफील्ड आर्थिक कॉरिडोर की योजना भी बनाई गई है।

Haryana Kranti, नई दिल्ली: मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि अंबाला से शामली के बीच एक नया आर्थिक कॉरिडोर प्रस्तावित है, जिसे शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यातायात के लिए बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कॉरिडोर का आरंभ गोगवान जलालपुर से होगा, जो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के निकट है। गोगवान जलालपुर के पास, अंबाला-शामली आर्थिक कॉरिडोर और शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे को एक साथ मिलाने की योजना है। इससे क्षेत्र में एक्सप्रेसवे की संख्या बढ़ेगी, जिससे यातायात और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को आपातकालीन सड़क मार्ग के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें एक हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। यह विशेषकर चीन के साथ चुनौतियों से निपटने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसके अलावा, नेपाल के माध्यम से चीन को जोड़ने वाले नए ग्रीनफील्ड आर्थिक कॉरिडोर की योजना भी बनाई गई है।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे से बंगाल से लेकर यूपी, हरियाणा और पंजाब तक व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली तक आयात-निर्यात में आसानी होगी। इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना है, जिसमें सड़क मार्ग के किनारे हजारों की संख्या में पेड़ और झाड़ियां लगाई जाएंगी, ताकि पर्यावरण के साथ संतुलन बना रहे।
कनेक्टिविटी में सुधार
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा, पंजाब तथा पश्चिम बंगाल के शहरों को आसानी से जोड़ा जा सके। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में, शामली से गोरखपुर तक की यात्रा में 15 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह समय घटकर केवल 8 घंटे रह जाएगा।
यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
शामली-गोरखपुर आर्थिक कॉरिडोर यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जो उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पंजाब नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का होगा, जिससे पूरे क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे की योजना
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे में गोरखपुर, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और शामली जैसे महत्वपूर्ण शहर शामिल हैं।
केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2023 में बताया था कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6 लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 25,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। वहीं, गोरखपुर से शामली तक 35,000 करोड़ रुपये की लागत से एक और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है।
यह एक्सप्रेसवे 700 किलोमीटर लंबा होगा, जो गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा होगा। हालांकि, गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर 2024 में समाप्त होगा और इसे प्रयागराज महाकुंभ 2025 से पहले जनता को समर्पित किया जाएगा।
भारतमाला परियोजना का हिस्सा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों को एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ना है। इस साल के अंत तक इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।