राजस्थान वालों की हो गई बल्ले बल्ले ! छोटे बड़े सभी गाँव शहरों के वारे न्यारे कर देगा यह नया एक्सप्रेसवे, देखें इसका रूट मेप

Haryana Kranti, नई दिल्ली: राजस्थान के लोगों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा कई बड़े पुरस्कार दिए गए हैं। इनमें से कुछ परियोजनाओं से राज्य के लोगों को व्यापार और यात्रा में कोई असुविधा नहीं होगी। इन राजमार्गों के निर्माण से राज्य के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। राज्य सरकार इन बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है. इन परियोजनाओं के परिणामस्वरूप, राज्य में नौ हरित राजमार्ग लोगों को सौंपे गए हैं।
राजस्थान में इन 9 हाईवे के बनने से राज्य के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और लगभग हर राज्य से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी. योजना में ये 9 ग्रीनफ़ील्ड राजमार्ग शामिल हैं जिनमें से एक राजमार्ग राज्य की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ चलता है।
इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है. गंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेसवे नाम का एक्सप्रेसवे 290 किमी की लंबाई तक जाएगा। इस राजमार्ग के निर्माण से देश के सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास होगा और सीमा के अन्य लोगों को भी सुविधा मिलेगी।
गंगानगर से कोटपूतली तक हाईवे बनने से श्रीगंगानगर जिले से सटे इलाकों में व्यापार बढ़ेगा. श्री गंगानगर जिला राजस्थान और पंजाब की सीमा पर स्थित है, इसलिए यहां पंजाबी संस्कृति अधिक प्रमुख है। श्री गंगानगर से कोटपूतली तक एक राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा, जो श्री गंगानगर में रीको औद्योगिक क्षेत्र बाईपास से शुरू होकर कोटपूतली में मंडलाना तक जाएगा।
इसे मंडलाना-नारनौल बाइपास से जोड़ा जाएगा। यह हाईवे 9 शहरों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे श्री गंगानगर से शुरू होगा और रावतसर, नोहर, भादरा, सादुलपुर, पिलानी, सूरजगढ़, भुआना, नारनौल और कोटपूतली को जोड़ेगा। हाईवे निर्माण के लिए जल्द ही डीपीआर तैयार की जाएगी।
अभी तक कोटपुतली तक पहुंचने की दूरी 350 किमी है। इस मार्ग को कस्बों से गुजरने में 6.08 घंटे लगते हैं। शहरों के बीच गंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा।
इससे वाहन चालकों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों या ट्रैफिक जाम से नहीं गुजरना पड़ेगा। एक बार राजमार्ग पूरा हो जाने पर, दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में केवल तीन घंटे लगते हैं।
राज्य सरकार इसे 6-लेन हाईवे बनाएगी, जिसमें 50 किलोमीटर से पहले कोई कट नहीं होगा। इससे वाहन की गति नियंत्रित होगी और यात्रा करना आसान हो जाएगा। इसकी स्पीड 80 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.
सड़क दो से 2.5 मीटर ऊंची होगी और दोनों तरफ ऊंची बाड़ से ढकी होगी। इससे कोई भी जानवर इस सड़क पर नहीं आ सकेगा और दुर्घटनाओं का खतरा भी कम होगा।