इन 3 राज्यों की किस्मत बदल देगा ये नया एक्सप्रेसवे, आधे से कम समय में पूरा होगा सफर, जानें पूरा रोड मैप

Haryana Kranti, नई दिल्ली: गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाला गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 2028 तक पूरा हो जाएगा। इस 519 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की लागत लगभग ₹32,000 करोड़ है और इसका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यात्रा का समय 15 घंटे से घटकर सिर्फ 9 घंटे रह जाएगा।
रूट और प्रमुख जिले
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होकर कुशीनगर के तमुखीराज से होते हुए बिहार में प्रवेश करेगा और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में समाप्त होगा। बिहार में यह पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों से गुजरेगा। पश्चिम बंगाल में यह दार्जिलिंग जिले के बागडोगरा तक पहुंचेगा
यातायात में सुधार और आर्थिक प्रभाव
इस एक्सप्रेसवे से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्योगिक गलियारे विकसित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, सिलीगुड़ी और उत्तर-पूर्वी भारत के पर्यटन उद्योग को भी फायदा होगा, क्योंकि अब इन क्षेत्रों में आसानी से और तेजी से पहुंचा जा सकेगा
भूमि अधिग्रहण की स्थिति
एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 2022 में शुरू हुई और इसे आंतरिक इलाकों में किया जा रहा है ताकि विवादों से बचा जा सके। इससे परियोजना में किसी प्रकार की देरी की संभावना कम हो गई है
रियल एस्टेट पर प्रभाव
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग बढ़ने की उम्मीद है। बेहतर कनेक्टिविटी से निवेशकों का ध्यान इन इलाकों की ओर आकर्षित हो सकता है, खासकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और कुशीनगर तथा बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में
अन्य कनेक्टिविटी लाभ
यह एक्सप्रेसवे कई अन्य प्रमुख सड़कों जैसे नेशनल हाईवे 27 और गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा होगा। इससे दिल्ली और अन्य उत्तर भारतीय शहरों तक पहुंच और भी आसान हो जाएगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को और गति मिलेगी