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तीन राज्यों की दूरी कम करेगा ये नया एक्सप्रेसवे, खर्च होंगे लगभग 2500 करोड़ रुपये, देखें रूट मेप

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर (Madhya Pradesh) को आगरा (Uttar Pradesh) से जोड़ना है। इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से यात्रा के समय में भारी कमी आएगी जिससे इन दोनों महत्वपूर्ण शहरों के बीच संपर्क में सुधार होगा।
 
Gwalior-Agra Expressway

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे (Gwalior-Agra Expressway) जो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच यात्रा को आसान और तेज़ बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना (ambitious project) है अपनी पूरी रफ्तार से चल रहा है। यह 88 किलोमीटर लंबा 6-लेन एक्सप्रेस वे (6-lane expressway) ग्वालियर और आगरा को जोड़ने के साथ-साथ इन राज्यों के बीच व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य करेगा।

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे का महत्व

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर (Madhya Pradesh) को आगरा (Uttar Pradesh) से जोड़ना है। इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से यात्रा के समय में भारी कमी आएगी जिससे इन दोनों महत्वपूर्ण शहरों के बीच संपर्क में सुधार होगा। साथ ही यह एक्सप्रेस वे इन तीन राज्यों के बीच व्यापार, पर्यटन और यातायात को भी बढ़ावा देगा। इस परियोजना से इन राज्यों के आर्थिक विकास को गति मिल सकती है और साथ ही नए निवेश के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

परियोजना की लागत और समयसीमा

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे की कुल लागत ₹2,497.84 करोड़ रुपये अनुमानित है। यह परियोजना अब तक अपने निर्धारित समय से काफी प्रगति कर चुकी है। अब तक इस परियोजना का लगभग 85% काम पूरा हो चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस एक्सप्रेस वे की योजना को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। सड़क निर्माण के लिए 502 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें से 4000 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई है। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 1.24 लाख पेड़ लगाने का वादा किया है जिससे पर्यावरणीय संतुलन को भी ध्यान में रखा जा सके।

चंबल नदी पर लटकता पुल

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे का एक विशेष आकर्षण चंबल नदी पर लटकता पुल है जिसे निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी है। यह पुल इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, क्योंकि यह चंबल नदी को पार करने के लिए एक नई और तेज़ राह प्रदान करेगा। इसका निर्माण इस क्षेत्र के यातायात को और भी सुगम बना देगा। पुल का निर्माण स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक स्वागत योग्य कदम साबित होगा, क्योंकि इससे चंबल नदी को पार करने का समय कम हो जाएगा और यात्रा को सरल बनाया जाएगा।

यात्रा के समय में कमी

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे के बनने से ग्वालियर और आगरा के बीच यात्रा का समय 2-3 घंटे तक कम हो सकता है। इस एक्सप्रेस वे से न सिर्फ ग्वालियर और आगरा के बीच यात्रा तेज होगी बल्कि यह अन्य शहरों के साथ भी कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। उदाहरण के लिए यह एक्सप्रेस वे इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस वे और कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा। इससे इन तीन राज्यों के बीच यात्रा और व्यापार में भारी सुधार होगा।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया

ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 550 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को 95% मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है। मुआवजा प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा जिससे परियोजना के निर्माण में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी और सही तरीके से निष्पादित किया गया है।