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दिवाली से पहले योगी सरकार का मास्टर प्लान, इन 144 गांवों को मिलाकर बनेगा यूपी का नया शहर

ग्रेटर नोएडा का नया शहर विशेष रूप से शिक्षा और चिकित्सा हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मास्टर प्लान के अनुसार, 10.4% भूमि को विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों के लिए आवंटित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य नए शहर को एक शैक्षणिक और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
 
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ग्रेटर नोएडा में एक नए आधुनिक शहर के बसने की प्रक्रिया का आगाज हो चुका है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रवि कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नगर योजनाकार ने ग्रेटर नोएडा के न्यू सिटी मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव अब यूपी कैबिनेट और दिल्ली एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। जब इस मास्टर प्लान को इन दोनों निकायों से मंजूरी मिल जाएगी तभी ग्रेटर नोएडा फेज-2 में काम शुरू हो पाएगा।

ग्रेटर नोएडा का न्यू सिटी मास्टर प्लान

ग्रेटर नोएडा का नया शहर विशेष रूप से शिक्षा और चिकित्सा हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मास्टर प्लान के अनुसार, 10.4% भूमि को विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों के लिए आवंटित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य नए शहर को एक शैक्षणिक और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अलावा मेट्रो, हाईस्पीड ट्रेन और बस स्टेशनों के लिए भी 13% से अधिक भूमि निर्धारित की गई है ताकि निवासियों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिल सकें। इस मास्टर प्लान में ग्रीन सिटी का विशेष ध्यान रखा गया है। करीब 22.5% भूमि को हरियाली, पार्कों और जंगलों के लिए आवंटित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि नए शहर में प्रदूषण कम हो और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।

ग्रेटर नोएडा फेज-2 में रेजिडेंशियल

जानकारी के अनुसार, ग्रेटर नोएडा फेज-2 के 17.5% हिस्से में रेजिडेंशियल सोसाइटी बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत आवासीय कॉलोनी और ऊंची इमारतों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, 4.8% क्षेत्र को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बिजनेस हब और अन्य व्यवसायिक स्थानों के लिए आवंटित किया गया है, जिससे निवासियों को रोज़मर्रा की सुविधाएं प्राप्त हो सकें। इस मास्टर प्लान के अनुसार, 25% भूमि को इंडस्ट्रियल इकाइयों के लिए आवंटित किया गया है। इस क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी, जो नए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

144 गांवों की भूमि का अधिग्रहण

ग्रेटर नोएडा फेज-2 के इस विशाल परियोजना में 144 गांवों की भूमि को अधिग्रहित किया जाएगा। पहले फेज में 40 गांवों की जमीन ली जाएगी और धीरे-धीरे यह दायरा बढ़ाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल लगभग 55,970 हेक्टेयर होगा, जो नोएडा, बुलंदशहर के गुलावठी और हापुड़ के धौलाना तक फैलेगा। इस विस्तार से क्षेत्र के निवासियों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है।

ग्रेटर नोएडा में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का भी होगा विकास

ग्रेटर नोएडा फेज-2 के मास्टर प्लान के अनुसार, इस नए शहर में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा तेजी से एक आईटी और डेटा हब के रूप में उभर रहा है। इसमें जेवर एयरपोर्ट, मोनोरेल, आईटी पार्क और फिल्म सिटी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स के विकास से क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। नए शहर के आने से मेट्रो, रियल एस्टेट, आईटी लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी वृद्धि की संभावना है। यहां बड़ी कंपनियों के ऑफिस और बिजनेस हब भी बनाए जाएंगे। इस योजना से व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।

आर्थिक विकास में ग्रेटर नोएडा फेज-2 का योगदान

इस मास्टर प्लान के माध्यम से ग्रेटर नोएडा फेज-2 न केवल रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल विकास का समर्थन करेगा बल्कि नए शहर के निर्माण से क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा। जैसे-जैसे नए क्षेत्रों का विस्तार होगा, नौकरी के अवसर बढ़ेंगे और विभिन्न उद्योगों के लिए नए व्यापारिक स्थान उत्पन्न होंगे। इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

भूमि अधिग्रहण से किसानों को लाभ

इस परियोजना में 144 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इससे किसानों को भूमि के उचित मुआवजे के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नए उद्योगों के आने से ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इससे क्षेत्र में आर्थिक संपन्नता का आगमन होगा। ग्रेटर नोएडा का यह मास्टर प्लान उत्तर प्रदेश में विकास की दिशा में एक अहम कदम है। यदि इस योजना को यूपी कैबिनेट और दिल्ली एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से अंतिम मंजूरी मिलती है, तो ग्रेटर नोएडा फेज-2 में एक नई बसावट और विकास की नींव रखी जाएगी। इससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और निवासियों को बेहतर जीवनशैली का अवसर मिलेगा।