हरियाणा में बनेंगे 4 नए जिले, जानें कौन-कौन से क्षेत्र होंगे शामिल

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में चार नए जिलों के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है। 4 दिसंबर 2024 को सरकार ने एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसने अब अपना काम शुरू कर दिया है। यह समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिससे मार्च 2025 तक नए जिलों की घोषणा की संभावना है।
नए जिलों के संभावित क्षेत्र
लंबे समय से करनाल के असंध, सिरसा के डबवाली, गुरुग्राम के मानेसर और हिसार के हांसी को जिला बनाने की मांग उठ रही है। इन क्षेत्रों में प्रशासनिक सुविधाओं की बढ़ती आवश्यकता और जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इन स्थानों को नए जिले बनाने पर विचार किया है।
समिति का गठन और कार्य
नए जिले, उपमंडल, तहसील और उप-तहसील बनाने के लिए गठित इस चार सदस्यीय समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार हैं। समिति में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, राजस्व मंत्री विपुल गोयल और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी शामिल हैं। यह समिति विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन कर सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
प्रक्रिया और समयसीमा
समिति को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिससे मार्च 2025 तक नए जिलों की घोषणा संभव है। इससे पहले, राज्य में निकाय चुनाव संपन्न होंगे, जिसके बाद इन नए जिलों के गठन की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
प्रभावित क्षेत्रों की विशेषताएं
असंध (करनाल): यह क्षेत्र कृषि प्रधान है और यहां के लोग लंबे समय से जिला बनने की मांग कर रहे हैं।
डबवाली (सिरसा): यहां की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए जिला बनाना आवश्यक माना जा रहा है।
मानेसर (गुरुग्राम): औद्योगिक विकास के चलते इस क्षेत्र में प्रशासनिक सुविधाओं की आवश्यकता बढ़ गई है।
हांसी (हिसार): ऐतिहासिक महत्व और जनसंख्या के आधार पर हांसी को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ रही है।
सरकार की मंशा
हरियाणा सरकार का उद्देश्य है कि नए जिलों के गठन से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आए और जनता को सुविधाएं उनके निकट उपलब्ध हों। इससे विकास कार्यों में भी गति आएगी और क्षेत्रीय संतुलन स्थापित होगा।
जनता की प्रतिक्रिया
इन क्षेत्रों के निवासियों में नए जिलों के गठन को लेकर उत्साह है। उनका मानना है कि इससे स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और प्रशासनिक सेवाएं सुलभ होंगी।
आगे की राह
समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करेगी और नए जिलों की घोषणा करेगी। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों की राय और आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा, ताकि नए जिलों का गठन सुगम और प्रभावी हो।