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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला! 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को मिलेगी पदोन्नति

हरियाणा सरकार ने 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार द्वारा बनाई गई पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें पदोन्नति देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए है, जो 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के हुए थे और जिनकी पदोन्नति पर पिछले कुछ वर्षों से रोक लगी हुई थी।
 
Haryana News

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार द्वारा बनाई गई पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें पदोन्नति देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए है, जो 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के हुए थे और जिनकी पदोन्नति पर पिछले कुछ वर्षों से रोक लगी हुई थी।

2014 की पॉलिसी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश

साल 2014 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने तीन अलग-अलग पॉलिसी बनाई थीं, जिनके तहत कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया था। इन पॉलिसियों के तहत लगभग पांच हजार कर्मचारियों को नियमित किया गया था। लेकिन 2018 में हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पॉलिसी पर रोक लगाते हुए, पक्के कर्मचारियों के प्रमोशन पर भी रोक लगा दी थी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, जिसके बाद सरकार ने 2020 में इन कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी।

अब मिलेगा पदोन्नति का लाभ

हालांकि, अब सरकार ने इन कर्मचारियों को राहत देते हुए पहली पदोन्नति और एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) का लाभ देने का फैसला लिया है। 13 जून 2024 से इन कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस फैसले से लगभग पांच हजार कर्मचारियों को लाभ होगा।

लाभ 

कर्मचारियों को पहली पदोन्नति और एसीपी का लाभ मिलेगा। लगभग 5,000 कर्मचारी इस फैसले से लाभान्वित होंगे। प्रदेश सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए। पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के फाइनल फैसले पर निर्भर करेगी।

पात्रता शर्तें

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन कर्मचारियों को पदोन्नति या एसीपी स्केल का लाभ तभी मिलेगा, जब वे सभी पात्रता शर्तें पूरी करते हों। इसके लिए कर्मचारियों को प्रमोशन के लिए आवश्यक शर्तें पूरी करनी होंगी।

प्रशासनिक निर्देश

मुख्य सचिव के अधीनस्थ मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड और निगमों के प्रबंध निदेशक और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को इस निर्णय की जानकारी देते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।