हरियाणा के अंबाला में एयरपोर्ट को लेकर आई बड़ी खबर! अनिल विज ने कही ये बड़ी बात, जानें

Haryana Kranti, चंडीगढ़: अंबाला हवाई अड्डा बहुत जल्द शुरू हो सकता है। हरियाणा के बिजली, श्रम एवं परिवहन मंत्री अनिल विज का कहना है कि यह भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा जहां शून्य दृश्यता में भी उड़ानें संचालित की जा सकेंगी। अंबाला हवाई अड्डे से न केवल हरियाणा बल्कि चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों को भी लाभ होगा क्योंकि यह जीटी रोड पर स्थित है।
अनिल विज ने कहा कि वायुसेना की जमीन पर बनने वाले हवाई अड्डे के लिए अधिकांश सामग्री पहले ही आ चुकी है। उन्होंने भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू के प्रयासों की सराहना की, जिनसे उन्होंने हाल ही में मुलाकात की थी, जिसके बाद काम की गति तेज हो गई है। Haryana News by Haryana Kranti
दो दिन बाद अंबाला में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें हवाई उड़ानों के लिए अंतिम कार्यों की समीक्षा की जाएगी तथा उन्हें और गति देने पर चर्चा की जाएगी।
विज की मेहनत से जल्द मिलेंगी सेवाएं अंबाला और आसपास के जिलों के लोगों के लिए हवाई यात्रा एक बड़ी समस्या थी। उन्हें हवाई यात्रा के लिए पूरी तरह चंडीगढ़ या दिल्ली पर निर्भर रहना पड़ता था। Haryana News by Haryana Kranti
यह अनिल विज के प्रयासों का ही परिणाम है कि यहां बना घरेलू हवाई अड्डा जल्द ही लोगों को सेवाएं प्रदान करना शुरू कर देगा। एलायंस एयर के साथ अनुबंध के तहत अंबाला से आगरा, बनारस और श्रीनगर के लिए उड़ानें शुरू की जाएंगी।
शुरुआत में यात्रा एटीआर 42 विमान से शुरू होगी। यह भी कहा जा रहा है कि निकट भविष्य में हवाई अड्डे से 15 उड़ानें भी जोड़ी जा सकती हैं।
जमीन पाने के लिए भटके अर्थात
अंबाला में निर्माणाधीन हवाई अड्डा अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इसका निर्माण कोई आसान काम नहीं था। हवाई अड्डे के लिए चयनित भूमि में से विभाग के अधिकारियों ने अधिग्रहित भूमि को विमान उड़ान के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया था तथा नई भूमि तलाशने को कहा था।
जब अचानक जमीन अनुपयुक्त हो गई तो अनिल विज और प्रशासन ने नई जगह की तलाश शुरू कर दी। कई स्थानों से मिट्टी के नमूने लिये गये। अंततः जो भूमि उपयुक्त पाई गई वह सेना के स्वामित्व वाली भूमि थी।
अब सेना से जमीन हासिल करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन अनिल विज ने इसे चुनौती के रूप में लिया और दो साल तक जमीन की फाइल लेकर इधर-उधर भटकने के बाद उन्होंने सेना के कब्जे वाली जमीन को एयरपोर्ट के लिए हासिल कर लिया।