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हरियाणा के इन चार गांवों में डीजे और शराब पर प्रतिबंध, जानें 

हरियाणा के चार गांवों की पंचायतों ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसमें शादी समारोहों में डीजे बजाने और शराब परोसने पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले का उद्देश्य नशा मुक्ति और सामाजिक मापदंडों को बढ़ावा देना है। यह निर्णय रविवार को कारौर की बड़ी चौपाल में हुई पंचायत में लिया गया, जिसमें करौर, कल्हावड, गांधरा और अटायल गांव शामिल थे।
 
हरियाणा के इन चार गांवों में डीजे और शराब पर प्रतिबंध

Haryana News: हरियाणा के चार गांवों की पंचायतों ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसमें शादी समारोहों में डीजे बजाने और शराब परोसने पर रोक लगा दीहरियाणा के इन चार गांवों में डीजे और शराब पर प्रतिबंध, जानें  गई है। इस फैसले का उद्देश्य नशा मुक्ति और सामाजिक मापदंडों को बढ़ावा देना है। यह निर्णय रविवार को कारौर की बड़ी चौपाल में हुई पंचायत में लिया गया, जिसमें करौर, कल्हावड, गांधरा और अटायल गांव शामिल थे।

इस बैठक की अध्यक्षता अटायल के पूर्व सरपंच रामफल मलिक लीलू ने की। पंचायत में सभी प्रतिनिधियों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे गांवों के विकास और सामाजिक सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया।

अब इन गांवों में शादी समारोहों के दौरान डीजे नहीं बजेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर शराब परोसने पर भी रोक लगाई गई है। इस फैसले के जरिए नशे को बढ़ावा देने वाले कार्यों को भी प्रतिबंधित किया गया है।

इस फैसले को लागू करने के लिए जल्द ही चारों गांवों में मुनादी करवाई जाएगी। पंचायत ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर शराब या नशे का सेवन करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर सामाजिक दंड लगाया जाएगा।

यदि कोई सार्वजनिक स्थान पर नशे में पाया जाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। सार्वजनिक जगहों पर शराब परोसने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गांव करौर के सरपंच महिपाल मलिक ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने गांव में ट्रैक्टरों पर लगे डीजे से अश्लील गानों के बजने पर रोक लगाने की मांग की। 

बुजुर्गों और महिलाओं की आपत्ति के बाद यह प्रस्ताव लिया गया, जिसमें कहा गया कि सामाजिक मापदंडों का उल्लंघन करने वाले गानों पर भी रोक लगाई जाए। यह पहल गांवों में सम्मान और मर्यादा बनाए रखने के लिए की गई है, और सभी पंचायतियों ने इस निर्णय का समर्थन किया।