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इस राज्य के वाहन चालकों को मिलेगा नए सफर का आनंद!  85 किमी लंबे भूमिगत हाईवे निर्माण को मंजूरी, देखें परियोजना की डीटेल  

केंद्र सरकार सड़क निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है, जिससे लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं मिल सकें। इस दिशा में अब हाईटेक हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं, जो कई नई सुविधाओं के साथ होंगे। इनमें 8 लेन, 4 लेन और एलिवेटेड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जो देश की सड़क परिवहन को अधिक सुरक्षित और तेज बनाएंगी।
 
85 km long underground highway

85 km long underground highway: केंद्र सरकार सड़क निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है, जिससे लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं मिल सकें। इस दिशा में अब हाईटेक हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं, जो कई नई सुविधाओं के साथ होंगे। इनमें 8 लेन, 4 लेन और एलिवेटेड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जो देश की सड़क परिवहन को अधिक सुरक्षित और तेज बनाएंगी। इस प्रक्रिया में ऑटोमेटिक टोल सिस्टम जैसी सुविधाएं भी जुड़ी हैं, जो यात्री के अनुभव को बेहतर बनाएंगी।

हाल ही में, हिमाचल प्रदेश में एक 85 किमी लंबा फोरलेन हाईवे बनाने का एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जो भूमि के अंदर से गुजरने वाला है। यह एक नई पहल है, जहां हाईवे के अधिकांश हिस्से को सुरंगों के माध्यम से विकसित किया जाएगा, जिससे हिमाचल के कठिन इलाकों में सड़क संपर्क बेहतर होगा।

85 किमी लंबा भूमिगत हाईवे

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने हिमाचल प्रदेश में इस 85 किमी लंबे फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से सभी जरूरी मंजूरियाँ प्राप्त कर ली हैं। इस परियोजना के तहत कई सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जो इन मार्गों को अत्यधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाएंगे।

कुल 68 सुरंगें बनाई जाएंगी

इस परियोजना में कुल 68 सुरंगें बनाई जाएंगी। इनमें से 11 सुरंगों का काम पूरा हो चुका है, और 27 सुरंगों पर कार्य जारी है। ये सुरंगें विशेष रूप से कठिन भू-भाग वाले क्षेत्रों में सड़क संपर्क को सुगम बनाएंगी। इस निर्माण का उद्देश्य न केवल यातायात को तेज करना है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को भी कम करना है।

पिछले साल आई आपदा से नुकसान

पिछले साल हिमाचल प्रदेश में आई बरसात की आपदा के कारण कीरतपुर-मनाली हाईवे पर भारी नुकसान हुआ था, खासकर कुल्लू और मंडी में। इसके अलावा, पठानकोट-मंडी और पिंजौर-नालागढ़ हाईवे भी आपदा से प्रभावित हुए थे। इन हाईवे की स्थिति को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इन क्षेत्रों के लिए सुरंग निर्माण का सुझाव दिया था। इन सुरंगों के निर्माण से न केवल इन मार्गों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यातायात की गति भी तेज होगी।

हाईवे निर्माण की भविष्यवाणी

फोरलेन हाईवे के निर्माण के साथ, सुरंगों के निर्माण से विभिन्न पर्यावरणीय लाभ होंगे, जैसे की कम वायू प्रदूषण, और हिमाचल की सुंदरता को भी नुकसान नहीं होगा। NHAI की टीम ने 50% डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पूरी कर ली है और शेष रिपोर्ट भी जल्द ही तैयार कर ली जाएगी।