हरियाणा के बुजुर्ग पेंशनधारकों की हुई बल्ले-बल्ले, नहीं आ रही हाथ की रेखा तो घर बैठे ऐसे मिलेगी पेंशन, बस करना होगा ये काम

Haryana Kranti, चंडीगढ़: अब पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डाकघर या सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। भारतीय डाक विभाग ने एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत डाक सेवक और डाकिया पेंशनधारकों के घर पर आकर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाएंगे। इसके लिए पेंशनधारकों को केवल 70 रुपये का शुल्क देना होगा। अब तक जिले में 200 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र इस नई सेवा के तहत बनाए जा चुके हैं।
यह सेवा खासतौर पर बुजुर्गों और उन पेंशनधारकों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं या दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं।
कैसे मिलेगा घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र?
डाक विभाग ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB), पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सहयोग से यह सेवा शुरू की है। इस सेवा के तहत डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक पेंशनधारक के घर जाकर आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली के जरिए जीवन प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
इस प्रक्रिया के लिए पेंशनधारकों को केवल दो चीजों की जरूरत होगी –
आधार कार्ड की संख्या
पेंशन खाता विवरण
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनने के बाद पेंशनधारक को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण संदेश (कन्फर्मेशन मैसेज) प्राप्त होगा। इससे पेंशनधारकों को बार-बार कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फिंगरप्रिंट फेल? चेहरे से भी होगा सत्यापन
कई बार बुजुर्गों की उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट) स्पष्ट नहीं होते, जिससे फिंगर बायोमेट्रिक सत्यापन में परेशानी होती है। इस समस्या को हल करने के लिए अब चेहरे के माध्यम से भी सत्यापन किया जा रहा है। यह एक नई और आसान तकनीक है, जिसमें डाकिया पेंशनधारक की तस्वीर लेकर उसे प्रमाणित करता है। यह तकनीक बुजुर्ग पेंशनधारकों के लिए बेहद आसान और फायदेमंद साबित हो रही है।
कहां और कैसे मिलेगी यह सुविधा?
यह सेवा पूरे जिले में लागू कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के शाखा डाकघर, तहसील स्तर पर उप-डाकघर और शहरों के मुख्य डाकघर से भी पेंशनधारक यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पेंशनभोगी अपने नजदीकी डाकघर से संपर्क कर सकते हैं या सीधे अपने क्षेत्र के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क कर सकते हैं।
डाक विभाग के सभी ग्रामीण डाक सेवक और डाकियों को मोबाइल डिवाइस और बायोमेट्रिक उपकरण से लैस किया गया है। वे फिंगरप्रिंट और फेस वेरिफिकेशन दोनों का उपयोग कर पेंशनधारकों के जीवन प्रमाण पत्र जारी करते हैं।
कितना देना होगा शुल्क?
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पेंशनधारकों को केवल ₹70 का शुल्क देना होगा। यह शुल्क सेवा शुल्क के रूप में लिया जा रहा है। यह मामूली शुल्क उन पेंशनधारकों के लिए बहुत राहत भरा है, जिन्हें बार-बार दफ्तरों में जाने की परेशानी झेलनी पड़ती थी।
क्या हैं इस नई सुविधा के फायदे?
घर बैठे सुविधा – पेंशनधारक को अब डाकघर या सरकारी कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं होगी।
आसान सत्यापन – फिंगरप्रिंट न होने पर चेहरा सत्यापन का विकल्प।
तेजी और समय की बचत – जीवन प्रमाण पत्र बनने के तुरंत बाद मोबाइल पर पुष्टिकरण संदेश आ जाता है।
सभी पेंशनधारकों के लिए उपलब्ध – यह सेवा केंद्रीय, राज्य और ईपीएफ (EPFO) पेंशनधारकों के लिए भी उपलब्ध है।
सेवा का उपयोग करने के लिए जरूरी निर्देश
पेंशनभोगी को आधार नंबर और पेंशन खाता जानकारी देनी होगी।
पेंशनधारक को नजदीकी डाकघर से संपर्क करना होगा या अपने क्षेत्र के डाकिया से सेवा की जानकारी लेनी होगी।
पेंशनधारक को सेवा शुल्क के रूप में ₹70 का भुगतान करना होगा।
डाक विभाग की बड़ी पहल
डाक विभाग की यह पहल बुजुर्गों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले पेंशनधारकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है। विभाग का दावा है कि अब तक 200 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र इस सेवा के माध्यम से बनाए जा चुके हैं।
डाक विभाग के शाखा प्रबंधक ने बताया कि सभी ग्रामीण डाक सेवक और डाकिये इस काम के लिए विशेष ट्रेनिंग ले चुके हैं। वे पूरी सावधानी के साथ बायोमेट्रिक और चेहरे की पहचान के जरिए जीवन प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।
यह सेवा किन पेंशनधारकों के लिए है?
यह सेवा केंद्रीय, राज्य और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेंशनधारकों के लिए लागू की गई है। इससे पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद दफ्तरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस सेवा की सबसे खास बात यह है कि पेंशनधारकों को बार-बार आने-जाने की परेशानी से राहत मिलेगी।