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Electric Expressway: इन 6 राज्यों को मिलेगी इलेक्ट्रिक हाइवे की सौगात, 1350 किलोमीटर लंबा हाइवे इन गाँव शहरों को चीरकर निकलेगा, जानें पूरा रूट  

भारत में सड़क यातायात के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway), अब एक नई दिशा में बदलने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में एक इलेक्ट्रिक हाईवे (e-highway) के रूप में विकसित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल भारत के यातायात ढांचे को आधुनिक बनाएगी, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर बनाएगी। इस योजना से 6 राज्यों के बीच यात्रा की गति बढ़ेगी और सड़क परिवहन का खर्च कम होगा।
 
Electric Expressway

Electric Expressway: भारत में सड़क यातायात के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway), अब एक नई दिशा में बदलने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में एक इलेक्ट्रिक हाईवे (e-highway) के रूप में विकसित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल भारत के यातायात ढांचे को आधुनिक बनाएगी, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर बनाएगी। इस योजना से 6 राज्यों के बीच यात्रा की गति बढ़ेगी और सड़क परिवहन का खर्च कम होगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 

दिल्ली से मुंबई तक 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो कि एक आधुनिक हाईटेक सड़क मार्ग होगा। इसमें विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए अलग से लेन बनाई जाएगी, जिससे डीजल और पेट्रोल वाहनों के मुकाबले बिजली से चलने वाले वाहन दौड़ेंगे।

इस प्रोजेक्ट के फायदे

इलेक्ट्रिक हाईवे के कारण यात्रा में समय और धन दोनों की बचत होगी। डीजल और पेट्रोल के स्थान पर बिजली से वाहन चलेंगे, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।लॉजिस्टिक खर्चों में 70% तक की कमी आ सकती है।

इलेक्ट्रिक हाईवे की संरचना

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर, विशेष रूप से 8 लेन वाली सड़कों पर, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से लेन बनाई जाएगी। इसके अलावा, दोनों ओर सुरक्षा के दृष्टिकोण से 1.5 मीटर ऊंचे बैरियर लगाए जाएंगे।

ई-हाईवे की तकनीक

इस सड़क पर वाहनों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ओवरहेड वायर्स का उपयोग किया जाएगा। जैसे ट्रेन में होता है, वैसे ही वाहनों पर पेंट्रोग्राफ लगे होंगे, जो वायर्स से ऊर्जा ले सकेंगे। वाहन चार्जिंग स्टेशनों पर रुककर चार्ज नहीं होंगे, क्योंकि इनका इंजन वायर्ड ऊर्जा से संचालित होगा।

सौर ऊर्जा और स्मार्ट टोल प्लाजा

इस प्रोजेक्ट में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा, जिससे एक्सप्रेसवे के किनारे लाइट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, स्लिप लेन में टोल प्लाजा भी स्थापित किए जाएंगे, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाएंगे। इस परियोजना को 'बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर' योजना के तहत विकसित किया जाएगा। इसमें टाटा और सिमन्स जैसी कंपनियों की भागीदारी हो सकती है। अगर यह योजना सफल होती है, तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही पेट्रोल-डीजल की खपत में कमी आएगी।