हरियाणा में आयुष्मान कार्ड के लिए खुशखबरी! अब इस बड़ी सुविधा का लाभ भी मिलेगा, जानें

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद के बीके अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एंटी रैबीज इंजेक्शन मुफ्त करने की घोषणा की है। कुत्ते या अन्य जानवरों द्वारा काटे जाने पर एंटी रैबीज इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, जो अब आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क उपलब्ध होगा। इस फैसले से लाखों लोगों को राहत मिल रही है और उन्हें इस महंगे इलाज के लिए अब पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी।
फरीदाबाद जिले में लगभग 6 लाख आयुष्मान कार्ड धारक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इन लोगों को अब कुत्ते या अन्य जानवरों द्वारा काटे जाने पर बीके अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों, और ईएसआई डिस्पेंसरी पर एंटी रैबीज इंजेक्शन मुफ्त मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों और बीपीएल कार्ड धारकों को भी मुफ्त में एंटी रैबीज इंजेक्शन मिलेगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार करेगी।
एंटी रैबीज इंजेक्शन, जैसे ही किसी व्यक्ति को कुत्ते द्वारा काटा जाता है, उसे तुरंत लगवाना अत्यंत आवश्यक होता है। यदि समय पर एंटी रैबीज इंजेक्शन न लगवाया जाए, तो रैबीज जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, जो जीवन के लिए खतरे का कारण बन सकती है। एक व्यक्ति को आमतौर पर 4 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है और प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत लगभग 100 रुपये होती है। इस तरह, एक व्यक्ति को कुल 400 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
बीके अस्पताल में इस योजना को लेकर पूरी तैयारी की गई है। अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर और अन्य प्रमुख स्थानों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं, ताकि लोग इस मुफ्त सेवा के बारे में जागरूक हो सकें। इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी आयुष्मान कार्ड धारक आसानी से इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन की कीमत काफी कम होती है, लेकिन यह फिर भी कई लोगों के लिए एक बोझ हो सकता है। अब, आयुष्मान कार्ड धारक बीके अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर बिल्कुल मुफ्त में यह इलाज प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम प्रदेश सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें महंगे इलाज से राहत दिलाने के उद्देश्य से उठाया है।
इस योजना के लागू होने से न केवल आयुष्मान कार्ड धारकों को राहत मिलेगी, बल्कि यह कदम लोगों को रैबीज जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने में भी सहायक होगा। कई लोग आर्थिक कारणों से इलाज में देरी कर देते थे, लेकिन अब उन्हें इस इलाज के लिए पैसे के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। यह राज्य सरकार की ओर से एक सराहनीय पहल है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।