हरियाणा में इस दिन शुरू होगी बाजरे की सरकारी खरीद, फटाफट चेक करें MSP भाव

Haryana Kranti, चंडीगढ़: बाजरे की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी इस हेतु जिले में 6 बाजार चिन्हित किये गये हैं। नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़ और सतनाली में खरीद का जिम्मा हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम को सौंपा गया है। नारनौल व नांगल चौधरी में खरीद की जिम्मेदारी हैफेड की होगी। हरियाणा स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़ और सतनाली में बाजरे की खरीद करेगा।
पिछले साल बाजरे का एमएसपी ₹2,500 तय किया गया था। इसे अब 125 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
बाजरा खरीद के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
सरकार ने इस संबंध में मानदंड तय करते हुए दिशानिर्देश जारी किये हैं. खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरने वाला बाजरा ही खरीदा जाएगा। मुख्यतः आर्द्रता 13% से अधिक नहीं होनी चाहिए। बाजरा साफ-सुथरा होता है और उसका रंग फीका नहीं पड़ता। इसके अलावा कटे हुए अनाज की निर्धारित मात्रा चार फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए.
इन फसलों की होगी खरीद
जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण कराया है, केवल उन्हीं किसानों की फसल की खरीद की जाएगी। मंगलवार को जिला प्राधिकरण ने प्रशासनिक अधिकारियों और अनुभाग से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। खरीद के लिए मंडियों में सफाई सहित सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बिजली, पानी, शौचालय, बैठने की व्यवस्था समेत तमाम विसंगतियों को दूर करने की तैयारी की जा रही है।
ख़राब गुणवत्ता के कारण खरीदारी में कठिनाई हो सकती है
जिले में सरकारी खरीद में बाजरे की गुणवत्ता बाधित हो सकती है। अगस्त के अंत और सितंबर में बारिश के कारण बड़े क्षेत्रों में फसलें जमीन में गिर गईं। बाजरे की गुणवत्ता खराब हो गई। बाजरा काला और बदरंग हो गया। ऐसे खराब बाजरे की गुणवत्ता से सरकारी खरीद में बाधा आ सकती है, क्योंकि सरकारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरने वाले बाजरे की ही खरीद की जाएगी।
प्री मानसून बारिश न होने से गुणवत्ता खराब हुई
जिले में बाजरा की बुआई मुख्य रूप से प्री-मानसून बारिश के बाद जून के मध्य से लेकर अंतिम जून तक की जाती है, लेकिन इस बार प्री-मानसून बारिश नहीं होने के कारण बुआई में देरी हुई। इससे बाजरा पकने में भी देरी हो रही है और अब कटाई शुरू हो गई है। एक-दो किसान ही बाजरा लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। मंगलवार को 85 क्विंटल और बुधवार को 15 क्विंटल ही धान बाजार में आया। अन्य बाज़ारों का भी यही हाल था। मंडी में पहुंचने वाले बाजरे में नमी की मात्रा करीब 20 फीसदी है। खुली बोली के दाम 22 रुपये से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल हैं जबकि समर्थन मूल्य 2,625 रुपये तय किया गया है।