Haryana: राशन कार्ड धारकों को लगने वाला बड़ा झटका, सैनी सरकार हुई सख्त, अब इन लोगों का कटेगा राशन कार्ड

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड धारकों की संख्या में हो रही वृद्धि ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। प्रदेश की अनुमानित 2.8 करोड़ की आबादी में से लगभग 70% लोग बीपीएल श्रेणी में शामिल हैं, जो राज्य की आर्थिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में वृद्धि
जनवरी 2022 में हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 27 लाख थी, जो जनवरी 2023 में बढ़कर 31.59 लाख हो गई। दिसंबर 2023 तक यह संख्या 42 लाख तक पहुंच गई, और अक्तूबर 2024 में यह आंकड़ा 51.09 लाख हो गया। हालांकि, नवंबर 2024 में यह संख्या घटकर 50.75 लाख हो गई, जिससे लगभग 34,000 कार्ड धारक कम हुए। इसका अर्थ है कि करीब 1.36 लाख लोग बीपीएल श्रेणी से बाहर हो गए हैं।
विपक्ष की आलोचना
विपक्षी दलों ने बीपीएल कार्ड धारकों की बढ़ती संख्या को सरकार की नीतिगत विफलता करार दिया है। उनका कहना है कि यह राज्य की खराब आर्थिक स्थिति और प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाता है। इसके अलावा, विपक्ष ने गरीबी रेखा की परिभाषा और बीपीएल श्रेणी में शामिल करने के मानकों पर भी सवाल उठाए हैं।
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में बताया कि सरकार ने बीपीएल कार्ड बनाने के लिए आय सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर दिया है, जिससे अधिक परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। इसके अलावा, बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बिजली बिल की वार्षिक सीमा को भी 9,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया है, ताकि अधिक परिवार इस श्रेणी में शामिल हो सकें।
बीपीएल कार्ड धारकों को मिलने वाली सुविधाएं
बीपीएल कार्ड धारकों को सरकार द्वारा विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें शामिल हैं:
प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज (गेहूं या बाजरा) मुफ्त।
प्रति परिवार प्रति माह 40 रुपये प्रति लीटर की दर से दो लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपये प्रति किलो की दर से एक किलो चीनी।
उज्ज्वला योजना के तहत 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर।
चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज।
राशन कार्ड धारकों के लिए नई चुनौतियां
हाल ही में खबरें आई हैं कि सरकार उन बीपीएल राशन कार्ड धारकों के कार्ड रद्द करने की योजना बना रही है, जिनका वार्षिक बिजली बिल 20,000 रुपये से अधिक है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इससे बीपीएल कार्ड धारकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वे नहीं जानते कि उनके कार्ड कब रद्द किए जाएंगे।
विधानसभा में हंगामा
बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में वृद्धि को लेकर विधानसभा में भी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का बीपीएल श्रेणी में होना राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। सरकार ने जवाब में कहा कि आय सीमा बढ़ाने से अधिक परिवारों को लाभ मिल रहा है, जिससे बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
आगे की राह
बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में हो रही वृद्धि और इससे जुड़े विवादों को देखते हुए यह मुद्दा आने वाले समय में भी चर्चा का केंद्र बना रहेगा। सरकार को चाहिए कि वह पारदर्शी तरीके से बीपीएल श्रेणी में शामिल करने के मानकों को स्पष्ट करे और जरूरतमंदों को सही लाभ पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए।