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हरियाणा में नए साल से शुरू होगी नई शिक्षा नीति, होंगे ये 6 बड़े बदलाव, जानें

 
 
होंगे ये 6 बड़े बदलाव
 

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने करनाल दौरे के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में नई शिक्षा नीति (NEP) को पूरी तरह से साल 2025 तक लागू कर दिया जाएगा। इस नीति के तहत सरकारी स्कूलों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा, जिससे हरियाणा के शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

शिक्षा मंत्री की इस घोषणा ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच उत्साह भर दिया है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों की सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल शिक्षा की सुविधा भी दी जाएगी।

1. शिक्षा का समग्र विकास

नई शिक्षा नीति के अनुसार, अब छात्रों के सिर्फ अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। उनके सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और व्यावहारिक ज्ञान को भी विकसित किया जाएगा।

कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई: स्कूल स्तर पर ही कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और व्यावसायिक कौशल जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी।

प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर: छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देने के लिए अलग-अलग गतिविधियों और प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा।

2. मातृभाषा में शिक्षा

नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शुरुआती कक्षाओं में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई कराई जाएगी। इससे बच्चों की बुनियादी समझ मजबूत होगी और वे अपनी संस्कृति और समाज से बेहतर जुड़ सकेंगे।

बच्चों की नींव मजबूत होगी: मातृभाषा में पढ़ाई से बच्चों की समझ और तर्कशक्ति में सुधार होगा।

सांस्कृतिक जुड़ाव: बच्चे अपने समाज और संस्कृति से बेहतर तरीके से जुड़ पाएंगे, जिससे उनकी सोचने की क्षमता विकसित होगी।

3. स्कूलों की संख्या और गुणवत्ता में सुधार

राज्य में सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उनकी गुणवत्ता में भी सुधार किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि हरियाणा के हर क्षेत्र में अधिक से अधिक सरकारी स्कूल खोले जाएंगे।

स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा: हर स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे, ताकि बच्चों को डिजिटल शिक्षा के जरिए नए और आधुनिक तरीके से पढ़ाया जा सके।

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर: स्कूलों में बेहतर भवन, फर्नीचर और तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

4. शिक्षकों का प्रशिक्षण और भर्तियां

नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण और उनकी भर्ती में भी बड़े बदलाव होंगे।

शिक्षकों का कौशल विकास: शिक्षकों के लिए नई प्रशिक्षण प्रणाली शुरू की जाएगी ताकि वे आधुनिक शिक्षण विधियों से लैस हो सकें।

नए शिक्षकों की भर्ती: शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इससे शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा और पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर होगी।

5. नई परीक्षा प्रणाली

परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा। अब छात्रों की रट्टा मारने की प्रवृत्ति खत्म होगी और उनकी सीखने और समझने की क्षमता का आकलन किया जाएगा।

कॉम्प्रिहेंसिव असेसमेंट: छात्रों का मूल्यांकन केवल परीक्षा के आधार पर नहीं होगा, बल्कि उनके प्रोजेक्ट वर्क और कक्षा में उनकी भागीदारी के आधार पर भी किया जाएगा।

आधुनिक असेसमेंट प्रणाली: नई प्रणाली के तहत बच्चों के ज्ञान और कौशल का आकलन किया जाएगा, ताकि उनकी वास्तविक समझ का पता चल सके।

6. सरकारी स्कूलों के प्रति नजरिया बदलने की अपील

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने अभिभावकों से अपील की है कि वे सरकारी स्कूलों के प्रति अपनी सोच बदलें। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद सरकारी स्कूलों की स्थिति और शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों के समान हो जाएगा।

सरकारी स्कूल बनेंगे पहली पसंद: स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल शिक्षा और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण सरकारी स्कूलों की छवि बदलेगी।

अभिभावकों का भरोसा बढ़ेगा: शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब माता-पिता को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्या होंगे मुख्य फायदे?

बच्चों की सृजनात्मकता बढ़ेगी - कोडिंग और AI जैसे विषयों की पढ़ाई से बच्चों की सृजनात्मकता और तकनीकी ज्ञान बढ़ेगा।

मातृभाषा में पढ़ाई - मातृभाषा में पढ़ाई से बच्चों की नींव मजबूत होगी और उनकी सीखने की क्षमता बढ़ेगी।

सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार - अधिक स्कूलों की स्थापना और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा।

शिक्षकों का कौशल विकास - शिक्षकों के प्रशिक्षण और भर्तियों से शिक्षण गुणवत्ता में सुधार होगा।

परीक्षा प्रणाली में बदलाव - नई प्रणाली से छात्रों की वास्तविक समझ और सीखने की क्षमता का आकलन होगा।

नई शिक्षा नीति 2025 तक लागू होने के बाद हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों के बराबर हो जाएगा। इससे न केवल बच्चों का समग्र विकास होगा बल्कि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार होंगे।