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हरियाणा के किसानों को गेहूं बिजाई पर 3600 रुपये प्रति एकड़ मिलेगी सब्सिडी, फटाफट जानें कैसे करें आवेदन

 
 
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Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गेहूं किसानों को राहत देने के उद्देश्य से एक बड़ी घोषणा की है। राज्य के आठ जिलों के किसानों को गेहूं की बुआई के लिए प्रति एकड़ 3600 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. किसान 25 दिसंबर तक हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं.

इस योजना से अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, मेवात, पलवल, चरखी, दादरी और रोहतक जिलों के किसानों को लाभ होगा। इस योजना के माध्यम से, हरियाणा सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य और पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कृषि में नवीनतम तकनीकों और उच्च उपज वाली किस्मों को बढ़ावा देना है।

क्या है योजना और कैसे मिलेगा सब्सिडी का लाभ?

हरियाणा के इन आठ जिलों में गेहूं की बुआई करने वाले किसानों को "खाद्य एवं पोषण सुरक्षा गेहूं योजना" के तहत प्रति एकड़ 3,600 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग ने घोषणा की है कि योजना के तहत कुल 1041 एकड़ भूमि पर 37.48 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को अधिक उपज देने वाली गेहूं की किस्मों का उत्पादन करने में मदद करना है।

सरकार की पहल के तहत, किसानों को उन्नत किस्मों की बीज सामग्री और नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना किसानों को सहायक कृषि इनपुट खरीदने और प्रदर्शन भूखंडों में उन्नत खेती करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपना उत्पादन बढ़ाने और आर्थिक लाभ अर्जित करने में सक्षम होते हैं।

एक किसान को कितनी सब्सिडी मिलेगी?

एक किसान अधिकतम 2.5 एकड़ भूमि पर इस योजना का लाभ उठा सकता है। विशेष रूप से इस योजना का 20% लाभ अनुसूचित जाति, महिला किसानों, छोटे और सीमांत किसानों के लिए आरक्षित है। इसके तहत इन श्रेणियों के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर सब्सिडी मिल सकेगी.

योजना के तहत किसानों को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की सिफारिशों के आधार पर प्रमाणित कृषि इनपुट खरीदना होगा, जिसे वे सरकारी, अर्ध-सरकारी, सहकारी समितियों या अधिकृत विक्रेताओं से खरीद सकते हैं। इस सामग्री की रसीद कृषि विकास अधिकारी को भेजनी होगी, जो सत्यापन के बाद सब्सिडी राशि संबंधित किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित कर देगा।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

ऑनलाइन पंजीकरण: सबसे पहले किसान को हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने खेत का विवरण और आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी।

कृषि आदानों की खरीद: पंजीकरण के बाद, किसान सरकारी या अधिकृत विक्रेताओं से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा अनुशंसित बीज, उर्वरक और अन्य आवश्यक कृषि आदानों की खरीद कर सकते हैं।

रसीदें जमा करें: किसानों को खरीदी गई सामग्री की रसीदें अपने निकटतम कृषि विकास अधिकारी को जमा करनी होंगी। कृषि अधिकारी इसका सत्यापन करेंगे और फिर कृषि उपनिदेशक कार्यालय को भेजेंगे।

सब्सिडी का वितरण: कृषि विकास अधिकारी द्वारा सत्यापन और उप कृषि निदेशक के कार्यालय में अनुमोदन के बाद, सब्सिडी राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।

योजना का उद्देश्य और इसके लाभ

हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य राज्य में गेहूं उत्पादन बढ़ाना, खाद्य और पोषण सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों की आय में सुधार करना है। साथ ही, सरकार खेती की लागत कम करने और किसानों को अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम बनाने के लिए अधिक उपज देने वाली किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दे रही है।

उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाकर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। साथ ही यह पहल राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, यह योजना उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगी जिनके पास सीमित संसाधन हैं और उच्च लागत वाली कृषि तकनीकों को अपनाने में सक्षम नहीं हैं।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

योजना का लाभ उठाने से पहले किसानों को पूरी जानकारी प्राप्त करना और सभी निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। रजिस्ट्रेशन के दौरान सारी जानकारी सही-सही भरें और जरूरी दस्तावेज समय पर जमा कर दें। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी कृषि आदानों की खरीद और संबंधित रसीदें सहेज कर रखनी चाहिए, ताकि सत्यापन प्रक्रिया में कोई समस्या न हो।

इसके अलावा, योजना का लाभ उठाने के बाद, किसानों को अपनी उपज का रिकॉर्ड रखना चाहिए और इसे सरकारी मानकों के अनुसार ही बेचना चाहिए, ताकि वे सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य योजनाओं का भी लाभ उठा सकें।

किसानों के लिए सरकारी योजनाओं में भागीदारी का महत्व

ऐसी सरकारी योजनाएं किसानों को राहत देती हैं और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती हैं। साथ ही सरकार इन योजनाओं के जरिए किसानों को आधुनिक खेती की तकनीक और संसाधनों से जोड़ने की कोशिश कर रही है. किसानों को योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए और उन्नत किस्म की कृषि तकनीक अपनाकर अपनी पैदावार में सुधार करना चाहिए।

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपनी प्राथमिकता के अनुसार जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करें ताकि वे दिसंबर की अंतिम तिथि तक सभी दस्तावेज पूरे कर सकें।