हरियाणा में महिलाओं के लिए नई योजनाएँ, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में जल्द होगी भर्ती

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार के गठन के बाद, तोशाम से चुनी गई विधायक श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास विभाग का नया मंत्री नियुक्त किया गया है। उन्होंने विभाग की नीतियों में सुधार की शुरुआत की है। विभाग की पहली बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और कौशल विकास के कार्यों में तेजी लाएं, ताकि योजनाओं का लाभ प्रदेश की महिलाओं और बच्चों तक पहुँच सके।
श्रुति चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि महिला एवं बाल कल्याण के तहत जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल एक सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विशेष रूप से विटामिन डी की कमी और महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताया कि महिला स्वास्थ्य में सुधार के लिए योजनाबद्ध तरीके से जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के लिए निर्देश
मंत्री ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। उनके अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा विशेष योजनाएँ तैयार की जा रही हैं, जिनमें महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर शिक्षा जैसी कई गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पोषण और स्वास्थ्य पर जोर
श्रुति चौधरी ने पोषण के महत्व को रेखांकित करते हुए अधिकारियों को महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य सुधार पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने पोषण योजनाओं के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की बात कही और नियमित जाँच एवं मूल्यांकन की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना है कि संतुलित पोषण से न केवल बच्चों का शारीरिक विकास होता है, बल्कि यह उनके मानसिक विकास में भी सहायक होता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका पर प्रकाश
मंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जल संरक्षण और पराली न जलाने जैसे पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर भी उन्हें सक्रिय रूप से योगदान देना चाहिए। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से विशेष जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। इन अभियानों में महिलाओं को पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में शिक्षित किया जाएगा, जो स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और महिला उद्यमिता योजनाओं में रिक्त पदों पर होगी भर्ती
बैठक में मंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, महिला उद्यमिता योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने इन योजनाओं में रिक्त पदों की स्थिति की जानकारी ली और कहा कि शीघ्र ही इन पदों पर नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विभागीय अधिकारियों से महिला सशक्तिकरण योजनाओं में तेजी लाने और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेच सेंटर, प्ले स्कूल जैसी सुविधाओं को सुदृढ़ करने की योजना पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्य योजना का चार्ट तैयार
श्रुति चौधरी ने महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना का चार्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उनका कहना है कि विभाग की योजनाओं को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी योजनाओं का विकास एक निश्चित कार्य योजना के तहत किया जाए। इससे समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि योजनाओं का लाभ प्रदेश की महिलाओं और बच्चों तक पहुँच रहा है।
बैठक में विभाग के उच्च अधिकारी, विशेषकर एसीएस अमनित पी. कुमार उपस्थित थे। उन्होंने मंत्री के निर्देशों का स्वागत किया और भरोसा दिलाया कि विभाग हर संभव प्रयास करेगा कि महिला एवं बाल विकास की सभी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर मिले।
महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण पर जागरूकता
विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अनुसार महिलाओं में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी विशेष कदम उठाए जाएंगे। मंत्री का कहना है कि महिलाओं में विटामिन डी की कमी एक बड़ी समस्या है और इसके लिए विभाग विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों की जानकारी देने के साथ-साथ धूप में समय बिताने के महत्व के बारे में भी शिक्षित किया जाएगा।
उच्च गुणवत्ता और वितरण पर होगी निगरानी
महिला एवं बाल कल्याण के तहत दी जाने वाली सेवाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए श्रुति चौधरी ने अधिकारियों से कहा कि वितरण प्रक्रिया पर पूरी निगरानी रखी जाए। विशेषकर पोषण योजना के तहत दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि प्रदेश के बच्चों और महिलाओं को पोषण संबंधी समस्याओं से निजात मिल सके।