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हरियाणा को मिली एक और बड़ी सौगात, यहां मेट्रो विस्तार को मिली हरी झंडी बनेंगे 21 नए स्टेशन, देखें पूरी लिस्ट 

 
 
यहां मेट्रो विस्तार को मिली हरी झंडी बनेंगे 21 नए स्टेशन

Haryana Kranti, चंडीगढ़: दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के अंतर्गत रिठाला से कुंडली तक लगभग 26.3 किमी लंबे कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना के जरिए दिल्ली के नरेला, बवाना और रोहिणी समेत हरियाणा के सोनीपत जिले को मेट्रो सेवा का लाभ मिलेगा।

इस नई लाइन के जुड़ने से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों की आवाजाही आसान हो जाएगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) इस प्रोजेक्ट को चार साल में पूरा करेगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 6,230 करोड़ रुपये आंकी गई है।

रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर की खास बातें

कुल लंबाई: 26.3 किमी

स्टेशन की संख्या: 21 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन

कनेक्टिविटी: रिठाला से कुंडली तक, नरेला, बवाना और रोहिणी जैसे इलाकों को जोड़ेगा

लागत: 6,230 करोड़ रुपये

अवधि: 4 साल में प्रोजेक्ट पूरा होगा

रिठाला मेट्रो लाइन का विस्तार

रिठाला-कुंडली कॉरिडोर, दिल्ली मेट्रो की मौजूदा रेड लाइन (शहीद स्थल – रिठाला) का विस्तार होगा। इस रूट के माध्यम से रिठाला, रोहिणी सेक्टर 25, 26, 31, 32, 34, 35, 36 जैसे इलाकों के अलावा बवाना इंडस्ट्रियल एरिया, नरेला और कुंडली के लोगों को भी सीधा लाभ मिलेगा। इस कॉरिडोर के सभी स्टेशन एलिवेटेड (ऊंचाई पर) बनाए जाएंगे।

यह प्रोजेक्ट दिल्ली और हरियाणा के बीच सार्वजनिक परिवहन की पहुंच को और मजबूत करेगा। अब हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली से लोग सीधे मेट्रो में सफर कर सकेंगे।

इन 21 जगहों पर होंगे स्टेशन

रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर पर कुल 21 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। ये स्टेशन निम्नलिखित हैं:

रिठाला

रोहिणी सेक्टर- 25

रोहिणी सेक्टर- 26

रोहिणी सेक्टर- 31

रोहिणी सेक्टर- 32

रोहिणी सेक्टर- 34

रोहिणी सेक्टर- 35

रोहिणी सेक्टर- 36

बरवाला

बवाना इंडस्ट्रियल एरिया- 1 (सेक्टर 3 और 4)

बवाना इंडस्ट्रियल एरिया- 1 (सेक्टर 1 और 2)

बवाना जे.जे. कॉलोनी

सनोठ

न्यू सनोठ

डिपो स्टेशन

भोरगढ़ गांव

अनाज मंडी नरेला

नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

नरेला

नरेला सेक्टर- 5

कुंडली और नाथपुर

इन स्टेशनों की वजह से रिहायशी और औद्योगिक इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बेहतर होगी।

हरियाणा के लोगों के लिए बड़ी राहत

इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली से सटे हरियाणा के इलाकों के लोगों को मेट्रो कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। कुंडली और नरेला के बीच बड़ी संख्या में लोग नौकरी और व्यापार के लिए रोजाना सफर करते हैं। इस मेट्रो लाइन के बनने के बाद उनका सफर पहले से तेज, सुरक्षित और आरामदायक हो जाएगा।

हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ी संख्या में उद्योग और फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह लाइन काफी मददगार साबित होगी।

परियोजना की लागत और निर्माण कार्य

रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर की कुल लागत 6,230 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस पूरे प्रोजेक्ट को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। यह DMRC की 50:50 हिस्सेदारी वाली स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) का हिस्सा है, जिसमें केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों का समान योगदान होगा।

इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चार साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यानी, 2028 तक यह मेट्रो लाइन पूरी तरह से चालू हो सकती है। इसके निर्माण के दौरान रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मेट्रो कनेक्टिविटी से क्या होगा फायदा?

आवागमन में सुविधा: हरियाणा के कुंडली, नरेला, बवाना और रोहिणी जैसे क्षेत्रों में लोगों को तेज और सुविधाजनक कनेक्टिविटी मिलेगी।

यातायात में कमी: सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

समय की बचत: इस कॉरिडोर के बनने से लोगों के सफर का समय कम हो जाएगा।

पर्यावरण को लाभ: सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने से वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

आर्थिक विकास: परियोजना के तहत नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

नरेला-बवाना-रोहिणी के लोगों के लिए तोहफा

दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में रिठाला-कुंडली कॉरिडोर का विस्तार नरेला, बवाना और रोहिणी के निवासियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। यहां के लोगों को अब अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मेट्रो की आसान सुविधा मिलेगी।

इस प्रोजेक्ट से न केवल दिल्ली और हरियाणा के बीच की दूरी घटेगी, बल्कि औद्योगिक इलाकों और रिहायशी इलाकों के बीच आवागमन में भी आसानी होगी। इससे स्थानीय व्यापार, व्यापारियों और उद्योगों को भी फायदा होगा।