Haryana News: जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में सिरसा का 28 वर्षीय जवान शहीद, 4 साल पहले हुई थी शादी

Haryana kranti, चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में वीरवार रात भारतीय सेना के जवान जीवन सिंह ने आतंकियों के साथ एक भीषण मुठभेड़ में अपने जीवन का बलिदान दिया। जीवन सिंह जो सिरसा जिले के गांव रोहण के निवासी थे ने अपनी बहादुरी से आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस संघर्ष में वह कई गोलियों के घावों के बावजूद अंत तक लड़े।
शहीद जीवन सिंह का साहस
गुलमर्ग में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर जीवन सिंह और उनकी टीम ने तुरंत कार्रवाई की। संघर्ष के दौरान जीवन सिंह को कई गंभीर चोटें आईं। बावजूद इसके उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दुश्मनों का सामना किया। उनका अदम्य साहस और देशभक्ति की भावना सभी को प्रेरित करती है। अंततः घायल होने के बाद उन्हें सेना के अस्पताल में ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। रात के समय उनकी मौत हो गई।
परिवार की स्थिति
जीवन सिंह का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उनकी शादी चार साल पहले कोमल से हुई थी और उनके दो छोटे बच्चे हैं। बड़ी बेटी की उम्र चार साल और छोटी बेटी की उम्र दो साल है। उनकी पत्नी कोमल और मां गोलो कौर को सुबह जैसे ही यह दुखद समाचार मिला उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता सुखदेव सिंह ने कहा "मुझे गर्व है कि मेरा बेटा भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया।"
जीवन सिंह ने 2016 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुए थे। उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में थी। इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ कई बार कार्रवाई की गई है। जीवन सिंह जैसे वीर सैनिकों की मेहनत और बलिदान से ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। उनकी शहादत हमें यह याद दिलाती है कि हमारे सुरक्षा बल हमारे लिए कितनी कुर्बानियाँ देते हैं।
आतंकवादियों के खिलाफ मुठभेड़
गुलमर्ग में हुई मुठभेड़ से पहले सेना को इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जैसे ही भारतीय सेना ने कार्रवाई की आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। यह स्थिति बहुत गंभीर थी। जीवन सिंह और उनकी टीम ने बहादुरी से जवाबी कार्रवाई की। यह एक चुनौतीपूर्ण मुठभेड़ थी लेकिन जीवन सिंह ने अपने साथी सैनिकों के साथ मिलकर दुश्मनों को पराजित करने की पूरी कोशिश की।
अंतिम संस्कार की तैयारी
शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर आज शाम को उनके गांव रोहण लाया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा में गांववाले और साथी सैनिक शामिल होंगे। पूरे गांव में शोक का माहौल है। जीवन सिंह की बहादुरी और बलिदान को सभी श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होंगे।
सेना की भावना
भारतीय सेना ने हमेशा से देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। शहीद जीवन सिंह का बलिदान इस बात का प्रमाण है कि हमारे सैनिक कितनी मेहनत और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। जीवन सिंह की शहादत को कभी नहीं भुलाया जाएगा। वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
शहीद की विरासत
जीवन सिंह की शहादत न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। उनके छोटे-छोटे बच्चे अब बिना पिता के बड़े होंगे लेकिन उनकी शहादत की गाथा उन्हें हमेशा गर्वित करेगी। जीवन सिंह जैसे वीर जवानों की कहानियाँ हमारे देश की ताकत और साहस को दर्शाती हैं।