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Haryana News: हरियाणा को नए साल पर मिलेगी बड़ी खुशखबरी, नए जिलों के लिए मांगी रिपोर्ट, जानें 

 
 
नए जिलों के लिए मांगी रिपोर्ट

Haryana Kranti, चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में नए जिले, उपमंडल, तहसील और उपतहसील बनाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इसके लिए सरकार ने 4 दिसंबर 2024 को चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की रिपोर्ट फरवरी 2025 तक आने की उम्मीद है।

समिति का गठन और उद्देश्य

हरियाणा सरकार ने इस समिति का नेतृत्व पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार को सौंपा है। समिति के अन्य सदस्य शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और राजस्व मंत्री विपुल गोयल हैं। समिति का मुख्य उद्देश्य नए जिलों और प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन के जरिए राज्य के विकास को गति देना है।

समिति आगामी दो महीने में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे करेगी और अपनी रिपोर्ट फरवरी 2025 में सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रशासनिक सुधारों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसका उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाना और आम जनता को सरकारी सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना है।

किन क्षेत्रों में बन सकते हैं नए जिले?

राज्य के कई क्षेत्रों में लंबे समय से नए जिले बनाने की मांग की जा रही है। इनमें प्रमुख रूप से मानेसर, गोहाना, असंध, हांसी और डबवाली का नाम सामने आ रहा है।

मानेसर (गुरुग्राम) - गुरुग्राम के मानेसर क्षेत्र को जिला बनाने की मांग काफी समय से उठ रही है। औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध मानेसर को जिला बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है।

गोहाना (सोनीपत) - गोहाना को जिला बनाने की मांग भी वर्षों से की जा रही है। यहां के स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इस पर जोर देते रहे हैं।

असंध (करनाल) - करनाल जिले के अंतर्गत आने वाला असंध क्षेत्र भी संभावित नए जिलों की सूची में है। स्थानीय लोगों की मांग के साथ-साथ प्रशासनिक दृष्टि से भी इसे जिला बनाना फायदेमंद हो सकता है।

हांसी (हिसार) - हांसी फिलहाल एक पुलिस जिला है, लेकिन इसे पूर्ण जिला बनाने की मांग लगातार की जा रही है।

डबवाली (सिरसा) - डबवाली भी एक पुलिस जिला है और इसे पूर्ण जिला बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

इसके अलावा, भिवानी के बवानी खेड़ा और रोहतक के कलानौर को उपमंडल बनाए जाने की भी चर्चा है। इन क्षेत्रों के लोगों की लंबे समय से मांग है कि यहां उपमंडल बनाए जाएं ताकि प्रशासनिक सेवाओं का विस्तार हो सके।

प्रशासनिक सुधारों का उद्देश्य

हरियाणा सरकार का मानना है कि नए जिलों और उपमंडलों के गठन से प्रशासनिक व्यवस्था अधिक सुदृढ़ होगी। छोटे प्रशासनिक इकाईयों के कारण सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लोगों तक तेजी से पहुंच सकेगा।

स्थानीय प्रशासन का दबाव कम होगा: जब छोटे जिलों का निर्माण होगा, तो बड़े जिलों पर प्रशासनिक दबाव कम हो जाएगा।

सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी: लोगों को अपने काम के लिए दूर-दराज के जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुंच में वृद्धि: सरकार की योजनाएं, पेंशन, छात्रवृत्ति और अन्य लाभकारी योजनाएं तेजी से लागू की जा सकेंगी।

कमेटी की कार्ययोजना

सरकार द्वारा गठित समिति का कार्य अगले दो महीने में फील्ड सर्वे और डाटा कलेक्शन करना है।

समिति विभिन्न जिलों और तहसीलों का दौरा करेगी।

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की राय ली जाएगी।

क्षेत्र की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक आवश्यकताओं का विश्लेषण किया जाएगा।

फरवरी 2025 तक समिति की रिपोर्ट आने के बाद, सरकार नए जिलों के निर्माण पर अंतिम निर्णय लेगी। इसके बाद विधिवत अधिसूचना जारी की जाएगी और नए जिलों के प्रशासनिक कार्यालय स्थापित किए जाएंगे।

नए जिलों के गठन से क्या बदल जाएगा?

हरियाणा में नए जिलों के गठन के बाद कई बदलाव होंगे।

स्थानीय रोजगार के अवसर: नए जिलों और उपमंडलों के निर्माण के साथ सरकारी नौकरियों में भी वृद्धि होगी। नए जिलों में सरकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, पुलिस कार्यालय आदि स्थापित होंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

विकास कार्यों में तेजी: नए जिलों में विकास कार्य तेजी से होंगे। सड़क, अस्पताल, स्कूल और सरकारी कार्यालयों के निर्माण के लिए बजट आवंटित किया जाएगा।

लोगों के लिए समय और धन की बचत: अब लोगों को छोटे प्रशासनिक कामों के लिए दूर के जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।

लोगों की राय

नए जिलों के गठन की खबर से मानेसर, गोहाना और अन्य क्षेत्रों के लोगों में खुशी का माहौल है। स्थानीय नेताओं और पंचायतों ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि नए जिले बनने से उनके क्षेत्र में रोजगार के साथ-साथ विकास के कार्यों में भी तेजी आएगी।

अगले कदम

फरवरी 2025 में कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार अगले चरण में नए जिलों के गठन के लिए औपचारिक अधिसूचना जारी करेगी। इसके बाद प्रशासनिक ढांचे की स्थापना और अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।